भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग द्वारा सिविल सर्विस (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अब इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा और गजट नोटिफिकेशन के बाद लागू हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस ड्राफ्ट में पेंशन रूल में बड़े और महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं।
जीपी सिंघल आईएएस के नेतृत्व में तैयार हो रहा है नया ड्राफ्ट
सन 2019 में गठित हुआ मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग लंबे समय तक विवादित रहा। श्री जीपी सिंघल आईएएस की चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के बाद आयोग में सक्रियता दिखाई दी और यह नया ड्राफ्ट तैयार हुआ। मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर 2022 को पूरा हो रहा है। इसलिए नया पेंशन रूल इससे पहले कैबिनेट में मंजूर कराने की योजना है।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जनवरी 2023 से इसका लाभ रिटायर होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जा सकता है। ड्राफ्ट के फाइनल रिव्यु के लिए 30 नवंबर को मीटिंग कंडक्ट की गई है।
मध्य प्रदेश सिविल सर्विस (पेंशन) नियम 1976 न्यू पेंशन रूल
- अधिकारी-कर्मचारी लापता है या उसका सेवा के दौरान निधन हो गया है तो उसका आवेदन तुरंत मंजूर होगा।
- कल्याणी, दिव्यांग या तलाकशुदा का नाम पेंशन सूची में कैसे जुड़ेगा।
- अधिकारी-कर्मचारी खुद फाइल तैयार करेंगे। विभाग का डीडीओ मदद करेगा।
- दायित्व पूरा जिला पेंशन अधिकारी का होगा कि रिटायरमेंट से पहले पेंशन पेमेंट ऑर्डर तैयार हो जाए।
- यदि किसी कारणवश देरी हुई तो इसका कारण जिला पेंशन अधिकारी को देना होगा, अन्यथा कार्रवाई होगी।
- सारा काम ऑनलाइन सिस्टम पर होगा।
- केंद्र के नियमों के अनुसार ही उसे सरल किया जाएगा।
- सर्विस बुक में जन्म तारीख की गड़बड़ी हो या नियुक्ति संबंधी कोई गफलत हो तो उसे रिटायरमेंट से पहले ही दुरुस्त करना होगा।
- डीडीओ का हस्तक्षेप कम करेंगे
- कोई पेनाल्टी या वसूली का मसला है तो उसे भी समय से पहले दुरुस्त करेंगे।
- सर्विस बुक अधूरी पाई गई तो संबंधित व्यक्ति की जवाबदारी तय होगी।
मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग के चेयरमैन का बयान
जीपी सिंघल, अध्यक्ष, मप्र कर्मचारी आयोग का कहना है कि अभी नियमों में कई कन्फ्यूजन हैं। नए नियम केंद्र सरकार के नियमों के अनुरूप होंगे। हर परिस्थिति के लिए अलग व्यवस्था होगी, ताकि पेंशनर्स को परेशान न होना पड़े। आयोग ने नए नियम बना लिया हैं। वित्त विभाग को भेजेंगे।