MP NEWS- खंडवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का शव कुएं में मिला, आत्महत्या या हत्या

Bhopal Samachar
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भोपाल
। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की अस्थाई महिला कर्मचारी सपना सेन का शव एक कुएं में पड़ा मिला है। सपना को इसी साल 15 अगस्त को खंडवा जिले की सबसे बेस्ट आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का अवार्ड मिला था। 

पदम नगर थाने की पुलिस ने बताया कि सपना सेन की उम्र 40 वर्ष थी। अपने पति के साथ डिगरिश गांव में रहती थी। इसी गांव की आंगनवाड़ी में बतौर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता काम करती थी। इसी साल 15 अगस्त को खंडवा जिले के मुख्य समारोह में सपना को जिले की सबसे बेस्ट आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का अवार्ड मिला था। उनके पति देवेंद्र सेन खंडवा शहर में हेयर कटिंग सैलून चलाते हैं। वह अपने काम में माहिर हैं और काफी लोकप्रिय भी हैं और अपने गांव से खंडवा शहर के लिए डेली अप डाउन करता है। परिवार में पति पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं।

पुलिस थाना पदम नगर के इंस्पेक्टर के डी तिवारी ने बताया कि देवेंद्र सेन ने अपनी पत्नी सपना के लापता होने की सूचना दी थी। बताया था कि शुक्रवार की सुबह 10:00 बजे स्कूटी लेकर खंडवा कलेक्टर ऑफिस के लिए निकली थी फिर वापस नहीं लौटी है। तलाश करने पर रात 10:00 बजे सपना का शव ग्राम कोरगलां में खेत में बने कुएं में मिला। उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है:- 

सपना के सुसाइड नोट में क्या लिखा है 

मैं सपना सेन, ग्राम डिगरिश की। मेरा 3 साल पहले भी मनोचिकित्सक का इलाज चला था। मैं अपने शरीर के कारण हार गई हूं। अपना मानसिक संतुलन खोने के कारण आत्महत्या कर रही हूं। इसका दोषी किसी को न ठहराया जाए। परिवार वालों ने मेरा बहुत अच्छा ध्यान रखा। मैं खुद ही अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही हूं। श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... मेरे मोक्ष के लिए गाय दान कर देना। अपनी अल्सर की बीमारी से भी परेशान हूं। घर वालों को काम करता देख बोझ नहीं बनना चाहती।

पागल होती तो अवार्ड मिलता?, सपना के भाई का सवाल

सपना के भाई महेंद्र सेन ने बताया, बहन कुएं में गिरकर शांत हो गई। हमें तो ऐसा लग रहा है कि ससुरालवालों ने मार डाला। ये उसे बहुत परेशान करते थे। हम लोगों से पैसे मांगते थे, हमने पैसे और जेवर भी दिए । बहन आंगनबाड़ी में नौकरी करती थी, उसका ही पैसा उसे नहीं देते थे। मां-बेटे दोनों मिलकर परेशान करते थे। आंगनबाड़ी में काम करने के बाद घर पर भी पूरा काम करती थी। बहुत अत्याचार करते थे, बहन को मेंटली टॉर्चर करते हुए पागल कर दिया था। बहन का इलाज कराया, फिर दिखाया कि ये पागल है। जबकि, इन्होंने ही बहन को पागल किया था। वह अवार्डेड आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। पागल होती तो अवार्ड मिलता...?
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