जानिए धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थल भेदभाव निषेध अधिकार एवं अपवाद- Fundamental Right

Bhopal Samachar
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 तक नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है अनुच्छेद 14 में बताया गया है की सभी नागरिक कानून के सामने एक समान हैं एवं सभी को कानूनी संरक्षण प्राप्त हैं,लेकिन समानता का अधिकार यहीं तक सीमित नहीं है अनुच्छेद 14 तो एक नियम विहित करता है अनुच्छेद 15,16,17,18 उसको वर्णित करता है जानते हैं धर्म, मूल, वंश, जाति, लिंग आदि से भेदभाव वर्जित अधिकार एवं इसमें क्या अपवाद हैं। 

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 का अनुच्छेद 15 की परिभाषा:-

भारतीय संविधान का अनुच्छेद वर्तमान समय में छः खण्डों में बंटा हुआ है जिसमें प्रारम्भिक दो खण्ड समानता के मूल अधिकार को परिभाषित करते हैं एवं चार खण्ड उनके अपवाद की श्रेणी में आते हैं जानिए।
1. राज्य किसी भी नागरिक से केवल धर्म, जाति, मूलवंश, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा अर्थात राज्य ऐसा कानून नहीं बनाएगा जो किसी भेदभाव को उत्पन्न करता है।

2. प्रथम नियम में बताया गया है की राज्य धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर नागरिकों से भेदभाव नहीं करेगा एवं दूसरा नियम बताता है कि किसी भी नागरिक को धर्म, जाति, मूलवंश, लिंग एवं जन्मस्थान के आधार पर निम्न स्थानों पर जाने से नहीं रोक सकता है:-

दुकान (हॉस्पिटल, क्लिनिक, वकील का चैंबर भी शामिल हैं), सार्वजनिक भोजनालय, होटल, सार्वजनिक मनोरंजन का स्थान (सिनेमा, सर्कस, संगीत कक्ष, मेला, कॉफी हाउस आदि), जन साधारण के प्रयोग के लिए समर्पित कुएं (हैंडपंप, नल आदि), तालाब, स्नानघाट, सड़क, सार्वजनिक समागम आदि।

3. (अपवादात्मक खण्ड):- राज्य सरकार को अधिकार है कि वह स्त्री एवं बच्चों के संरक्षण को देखते हुए विशेष उपबन्ध कर सकती है।

4. (अपवादात्मक खण्ड):- यह खण्ड भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम,1951 द्वारा जोड़ा गया है इसके अंतर्गत सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछले हुए नागरिक जैसे- पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगो के लिए राज्य सरकार विशेष उपबन्ध बना सकते हैं।

5. (अपवादात्मक खण्ड):- भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम,2005 द्वारा एक नया खण्ड 5 जोड़ा गया जिसमें शैक्षिक या सामाजिक रुप से पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति की प्रगति के लिए सरकारी या निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए आरक्षण का उपबन्ध राज्य सरकार कर सकती है।

6. (अपवादात्मक खण्ड) यह खण्ड भारतीय संविधान संशोधन, अधिनियम,2019 के  103 वे  संशोधन द्वारा गया हैं इसके अनुसार राज्य सरकार आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग(सामान्य वर्ग के वे लोग जो आय के आधार पर पिछड़े हो) के लिए शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए विशेष आरक्षण संबंधित नियम बना सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

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