मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में अभी काफी समय है। शिवराज सिंह चौहान को पता नहीं है कि अगला चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा या नहीं लेकिन बालाघाट विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी ना केवल घोषित कर दी गई हैं बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा और दूसरी ताकत ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी उनकी मुलाकात करवा दी गई है।
अगला विधानसभा चुनाव में नहीं लडूंगा: गौरीशंकर बिसेन
ओबीसी आयोग मध्य प्रदेश के चेयरमैन एवं बालाघाट से विधायक गौरीशंकर बिसेन ने अपनी बेटी मौसमी बिसेन को विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी को गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से मिलवा ते हुए कह रहे हैं, अपने भावी एमएलए से मिलो, आशीर्वाद दे दे, मैं नहीं लड़ रहा हूं।
मौसमी बिसेन सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विधायक की जगह खड़ी थीं
बात सिर्फ इतनी सी नहीं है। हाल ही में 5 सितंबर को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालाघाट में विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण करने आए थे तब मंच पर विधायक की जगह मौसमी बिसेन में खड़ी हुई थीं। इसके अलावा बालाघाट विधानसभा के कई कार्यक्रमों में विधायक की जगह मौसमी की भागीदारी दिखाई देती है।
गौरीशंकर बिसेन पूरी टीम सहित सिंधिया से मिले
ताजा समाचार यह है कि आज दिल्ली में गौरीशंकर बिसेन ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। यह सामान्य मुलाकात नहीं थी क्योंकि गौरीशंकर बिसेन के साथ उनकी बेटी मौसमी बिसेन और उनकी पूरी टीम भी मौजूद थी। स्वयं गौरीशंकर बिसेन ने यह जानकारी दी कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बालाघाट बुलाया है। यह नोट करना अनिवार्य है कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार अपना टीम साइज बड़ा कर रहे हैं। इंदौर में कभी उनका मुकाबला करने वाले कैलाश विजयवर्गीय भी अब उनकी टीम में शामिल हैं।
70 के हो गए गौरी शंकर, टिकट वैसे भी नहीं मिलेगा
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का कहना है कि गौरीशंकर बिसेन 70 वर्ष के हो गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उनको वैसे भी टिकट नहीं मिलेगा। उनके अलावा और भी कई वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें अगले चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। उम्र दराज होने और बालाघाट क्षेत्र में उनके विरोध के बढ़ने के कारण इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। बाद में ओबीसी आयोग का चेयरमैन बनाकर उपकृत किया गया।