BHOPAL NEWS- बोट क्लब की लेक प्रिंसेस पर्यटकों का स्वागत करने सजधज कर तैयार

भोपाल
। बड़े तालाब के बोट क्लब की सुपरस्टार लेक प्रिंसेस जो 22 अगस्त की बाढ़ में घायल हो गई थी, सज धज कर पर्यटकों को सैर कराने के लिए फिर से तैयार हो गई है। 12 इंजीनियरों की मदद से मात्र 30 दिन में बड़े तालाब की लहरों पर लहराने के लिए पूरी तरह से फिट हो गई है। इसके लिए सरकारी खजाने से 2500000 रुपए खर्च हुआ।

भोपाल के बड़े तालाब में 10 फीट ऊंची लहरें उठ रही थी

एक्सपर्ट के मुताबिक 22 अगस्त को हवा की रफ्तार और बारिश की इंटेंसिटी दोनों सामान्य से बहुत ज्यादा थी। उस वक्त हवा की रफ्तार 64 किमी/घंटे थी। इस कारण बड़े तालाब में उठने वाली लहरें 10 फीट से भी ऊंची थी। यही लहरें बोट क्लब में खड़ी बोट्स को भी बहा ले गईं और क्रूज के अंदर भी पानी भरना शुरू हो गया। लगातार उठने वाली लहरों के कारण पानी भरता गया और क्रूज एक तरफ से आधा डूब गया। 

भोपाल के तालाब में बाढ़ की स्थिति क्यों बनी थी

एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे हालात बनने की बड़ी वजह एक और थी। तालाब में पानी आने और बाहर निकलने का रेशियो 90 / 10 था। एक ओर 11 नालों और 1 नदी का पानी तालाब में लगातार आता गया। दूसरी ओर जल निकासी के लिए भदभदा डैम के पूरे 11 गेट खोलना भी काफी नहीं था। इस कारण बड़े तालाब से सटे बोट क्लब को भी नुकसान पहुंचा। बड़ी लहरों का नजारा, तालाब के पास बानी शीतल दास की बगिया में भी देखने को मिला।

कर्मचारियों ने बचाया नहीं तो क्रूज बोट कबाड़ हो जाती है

मरीन एक्सपर्ट की टीम के सदस्यों का कहना है कि बोट क्लब के कर्मचारियों ने समय पर क्रूज को रस्सियों से बांध दिया था। यदि यह लंगर के सहारे रहता तो लहरों के साथ किनारे लगते हुए दीवार से टकरा जाता। ऐसे में इसके 7 टुकड़े हो गए होते। या फिर लहरे लंगर को तोड़कर क्रूज को बीच में कहीं ले जाती और यह हिचकोले खाते हुए पूरा डूब जाता।

भोपाल के तालाब वाली क्रूज बोट की कीमत 

लेक प्रिंसेस को पर्यटन विभाग ने 10 साल पहले 2011 में खरीदा था। इसके खरीदने में 70 लाख रुपए खर्च किए गए थे। दो मंजिला क्रूज की पहली मंजिल सामान्य श्रेणी की है, इसमें 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। क्रूज के निचले हिस्से में एसी रूम है। इसमें 20 से 30 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
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