ऐसे कर्मचारी को बर्खास्त करना उचित जो आपराधिक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छुपाए: सुप्रीम कोर्ट

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण जजमेंट में स्पष्ट किया कि ऐसे कर्मचारी को बर्खास्त करना उचित है जो अपने विभाग से अपनी आपराधिक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को छुपाता है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उसके खिलाफ दर्ज की गई FIR में कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और उसकी बीमारी उसकी उपयोगिता को प्रभावित करती है या नहीं।

सतीश चंद्र यादव बनाम भारत संघ - जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला

याचिकाकर्ता सतीश चंद्र यादव सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 324, 504 और 506 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था। इसकी जानकारी उन्होंने अपने डिपार्टमेंट से छुपा कर रखी। सीआरपीएफ को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने सतीश चंद्र यादव को बर्खास्त कर दिया।

बर्खास्त कॉन्स्टेबल सतीश चंद्र यादव ने डिपार्टमेंट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चैलेंज किया परंतु हाई कोर्ट ने भी सीआरपीएफ के फैसले का समर्थन किया। तब सतीश चंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील प्रस्तुत की। उनकी ओर से एडवोकेट ज्योति दत्त शर्मा ने दलील दी कि उनके खिलाफ अभियोजन तुच्छ प्रकृति का था और इसमें कोई नैतिक पतन शामिल नहीं था। इस प्रकार की जानकारी को छुपाने के लिए कर्मचारी को बर्खास्त कर देना उचित नहीं है। 

सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दिवान ने तर्क दिया कि अपीलकर्ता नियमानुसार जानकारी छुपाने का दोषी पाया गया है और उसकी सेवाएं समाप्त कर देने के लिए यह पर्याप्त कारण है। 

इस प्रकरण में अवतार सिंह बनाम भारत संघ (2016) 8 SCC 471 सहित कई मामलों का न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किया गया। यह भी बताया गया कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान जानकारी छुपाने की स्थिति में नियुक्ति निरस्त कर दी जाती है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मचारी किसी आपराधिक मामले में दोष मुक्त घोषित हो जाता है तो इसके कारण वह अपने पद पर पुनः नियुक्ति का अधिकारी नहीं होता, बल्कि नियोक्ता के पास यह अधिकार होता है कि वह फिर से जांच करें और पता करें कि बर्खास्त कर्मचारी पुनः नियुक्ति के लिए योग्य एवं उपयुक्त है या नहीं। 

यदि किसी कर्मचारी ने अपनी फिटनेस या सेवा के लिए उपयुक्तता से संबंधित जानकारी को छुपाया है तो उसे बर्खास्त किया जा सकता है। 

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