भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने पृथ्वी पर श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
सबसे खास बात यह है कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर पूजा विधि पूरी दुनिया में एक समान है। भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक किया जाता है और उनका चरणामृत ग्रहण किया जाता है। मध्य रात्रि में कुछ लोग भंडारे का आयोजन करते हैं। उत्सव मनाने वालों को प्रसाद वितरण किया जाता है। मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं। कई सार्वजनिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं और कुछ लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्म के अवसर पर केक भी काटते हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का सबसे खास उपाय
उपरोक्त के अलावा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मनोकामना पूर्ति के लिए मंत्र उच्चारण भी किया जाता है। नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी भी मंत्र का 108 बार जप करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा से मनोकामना पूरी होती है। ऐसी मान्यता है।
भगवान श्री कृष्ण के मंत्र माला जपने के लिए
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
- कृं कृष्णाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः
- ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
- श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
- ॐ श्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
- हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन। आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन
- ओम क्लीम कृष्णाय नमः
- ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।