MP NEWS- लाचार नेता प्रतिपक्ष, कलेक्टर-एसपी की शिकायत करते घूम रहे हैं

Bhopal Samachar
0
लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष एक महत्वपूर्ण पद होता है। संविधान और जनता के हितों की रक्षा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी होती है। तभी तो हारी हुई पार्टी का नेता होने के बावजूद उसे कैबिनेट मंत्री के बराबर सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं। मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अपना कर्तव्य निभा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। 

हालात यह है कि जिस नेता प्रतिपक्ष हो जनता की शिकायतें सुनकर उन्हें न्याय दिलवाना चाहिए, वह नेता प्रतिपक्ष किसी लाचार पार्टी कार्यकर्ता की तरह कलेक्टर-एसपी की शिकायत करते हुए घूम रहे हैं। डॉक्टर गोविंद सिंह का ताजा बयान वायरल हुआ है। टीवी पत्रकारों को बुलाकर बता रहे हैं कि धार जिले के कारम बांध मामले में जब पीड़ित ग्रामीणों से मिलने के लिए गए तो, कलेक्टर-एसपी मौके पर मौजूद नहीं थे। इतना ही नहीं धार जिले के कलेक्टर-एसपी ने उनका फोन तक नहीं उठाया। 

यहां मुद्दे की बात यह नहीं है कि कलेक्टर-एसपी इतने पावरफुल है कि उन्होंने मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष का फोन नहीं उठाया बल्कि चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश का नेता प्रतिपक्ष इतना कमजोर हो गया है कि कलेक्टर-एसपी भी उसका फोन नहीं उठाते। यदि यही स्थिति कमलनाथ के शासनकाल में शिवराज सिंह चौहान के साथ हो गई होती तो 1 घंटे के भीतर पूरे प्रदेश में शोर सुनाई देने लगता और कलेक्टर-एसपी को राहत शिविर में जाकर माफी मांगनी पड़ती। वयोवृद्ध डॉक्टर गोविंद सिंह के ताजा बयान ने साबित कर दिया है कि वह जनता की लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है। 

यदि राहत शिविरों में ग्रामीणों के साथ न्याय नहीं हो रहा था तो नेता प्रतिपक्ष हो वहीं पर धरने पर बैठ जाना चाहिए था। तब तक अन्य ग्रहण नहीं करना चाहिए था जब तक की ग्रामीणों को भरपेट पौष्टिक भोजन नहीं मिल जाता है। तब तक रेस्ट हाउस में नहीं लौटना चाहिए था जब तक ग्रामीणों के सिर पर सुरक्षित छत का इंतजाम नहीं हो जाता। राजनीति का सीधा सिद्धांत, शरीर में संघर्ष करने की शक्ति हो तो कलेक्टर का मुख्य सचिव भी फोन करके हर रोज हाल-चाल पूछता है।

जहां तक डॉक्टर गोविंद सिंह के सम्मान का प्रश्न है तो कलेक्टर-एसपी की बात क्या करें उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी ने उनके दौरे के फोटो और वीडियो जारी नहीं किए।

मध्य प्रदेश के लोकतंत्र में वयोवृद्ध डॉक्टर गोविंद सिंह की भूमिका बिल्कुल वैसी ही रह गई है जैसे कि किसी दूल्हे की बारात में बूढ़े फूफा जी की होती है। जो केवल अपने सम्मान की चिंता करते हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि सभी प्रमुख पदों पर उम्र दराज लोग बैठे हुए हैं जो जनता की लड़ाई लड़ने के लिए फिजिकली फिट नहीं है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!