उपदेश अवस्थी, भोपाल। वेब सीरीज पंचायत का फेमस डायलॉग, देख रहा है ना बिनोद, पूरे देश में राज्य सरकारों के कान पका रहा है परंतु मध्यप्रदेश में शांति थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कल मध्य प्रदेश की राजनीति में इस डायलॉग की ग्रैंड लांचिंग कर दी। उन्होंने टारगेट कांग्रेस को बनाया लेकिन कहीं यह, देख रहा है ना बिनोद डायलॉग शिवराज सिंह पर ही भारी न पड़ जाए।
देख रहा है ना बिनोद और मध्य प्रदेश के हालात
भले ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ के कारण कांग्रेस पार्टी कमजोर है। जनता परेशान है लेकिन पार्टी उनकी आवाज नहीं बन पा रही है, क्योंकि इन लोगों के गणित और गुंताड़े ही कुछ और है। इसका फायदा स्वाभाविक रूप से शिवराज सिंह चौहान सरकार को मिल रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। जनता में गुस्सा मौजूद है। आम जनता में मौजूद जागरूक नागरिक सोशल मीडिया पर "देख रहा है ना बिनोद" के जरिए सरकार के कारनामों की पोल खोल सकते हैं।
2018 में कोई माई का लाल और 2023 में देख रहा है ना बिनोद
कोई माने या ना माने लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के, कोई माई का लाल डायलॉग के कारण भाजपा को जो ऐतिहासिक नुकसान हुआ, वही भाजपा की हार का कारण भी था। उस समय शिवराज सिंह ने सामान्य जाति वर्ग के लोगों में अपने प्रति नफरत की आग जला दी थी। इस बार 'देख रहा है ना बिनोद' डायलॉग देकर शिवराज सिंह ने जनता को अपनी सरकार की पोल खोलने का और विरोधियों को मजाक उड़ाने का एक बेहतरीन TOOL उपलब्ध करा दिया।