इंदौर। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए इस साल प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में सरकारी कॉलेजों पर ज्यादा भरोसा किया गया है। इंदौर में सरकारी कॉलेजों में एडमिशन फूल हो गए हैं जबकि प्राइवेट कॉलेजों में सन्नाटा पड़े हुए हैं। 20000 सीट खाली है। विद्यार्थी एडमिशन लेने नहीं आ रहे।
कुछ साल पहले तक गवर्नमेंट अटल बिहारी वाजपेई आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में केवल ऐसे स्टूडेंट्स एडमिशन लेते थे जिन्हें इंदौर के बड़ी बड़ी बिल्डिंग वाले प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलता था। आज स्थिति यह है कि टॉपर्स की फर्स्ट चॉइस GACC- गवर्नमेंट आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज है। 95% से अधिक अंक लाने वाले स्टूडेंट्स ने इंदौर के GACC, होलकर साइंस कॉलेज और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया है।
एक तरफ सरकारी कॉलेजों की सभी सीटें फुल हो गई है। कुछ ऐसे कोर्सों में सीट खाली बची है जिनमें स्टूडेंट्स की संख्या हमेशा कम रहती है। दूसरी तरफ प्राइवेट कॉलेजों में 20,000 से ज्यादा सीटें खाली हैं। 5 साल पहले तक जिन प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन के लिए डोनेशन लगता था, उन कॉलेजों का मैनेजमेंट मुख्य दरवाजे पर खड़ा स्टूडेंट्स का इंतजार कर रहा है।