जबलपुर। 27% आरक्षण विवाद के कारण मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने ओबीसी उम्मीदवारों की 100% नियुक्ति होल्ड कर दी है। लंबे समय तक मांग एवं प्रदर्शन के बाद जब बात नहीं बनी तो उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट की शरण ली। उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने OBC उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई की। अन्य पिछड़ा वर्ग, ओबीसी उम्मीदवारों की याचिका में कहा गया कि आरक्षण अधिनियम 1994 में 14 अगस्त, 2019 को किए गए संशोधन में ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यस्था की गई है।
इस संशोधन के प्रवर्तन पर हाई कोर्ट ने किसी भी प्रकार का स्टे आदेश जारी नही किया गया है। जो भी स्थगन आदेश है वो याचिका की विषय वस्तु नहीं है। मध्य प्रदेश शासन की ओर से प्रकरणो में नियुक्त विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी ने 11 जून 2021 को हाई कोर्ट में आवेदन पेश करके ओबीसी के 13 फीसद आरक्षण को होल्ड करने का निवेदन किया है।
हाई कोर्ट ने 13 जुलाई 2021 को राज्य शासन की सहमति से आदेश पारित करके शिक्षक भर्ती में ओबीसी के 13 प्रतिशत आरक्षण को होल्ड किया। ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद आरक्षण को याचिका के निर्णयाधीन लागू करने का आदेश दिया गया। इसके बाद अक्टूबर 2021 में की गई शिक्षकों की नियुक्तियो में ओबीसी के 16 विषयों में 13 प्रतिशत पदों को होल्ड कर दिया गया है। इसी रवैये के विरूद्ध याचिकाएं दायर की गई हैं।