भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के सेमीफाइनल के रिजल्ट आ चुके हैं। कम शब्दों में कहें तो मध्यप्रदेश में एक कमल मुरझा रहा है और दूसरा कमल खिल रहा है। शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम भले ही जश्न मना रही हो लेकिन विषय गंभीर चिंता का है।
मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में भाजपा की स्थिति
मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा घोषित कुल 16 बड़े शहर हैं जिन्हें नगर निगम कहा जाता है। 2015 में सभी 16 नगर निगम चुनाव भारतीय जनता पार्टी के महापौर प्रत्याशी जीते थे। 2022 में भारतीय जनता पार्टी 7 बड़े शहरों में चुनाव हार गई। 16 में से मात्र 9 नगर निगम में सिमट के रह गई।
दूसरी बड़ी चिंता की बात यह है कि भाजपा का विकल्प माने जाने वाली आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली से मध्यप्रदेश में अपना खाता खोल लिया है। कटनी जैसे शहर में जहां भाजपा का सबसे चर्चित प्रचार अभियान संचालित किया गया। निर्दलीय प्रत्याशी जीत गया। यानी कि मध्यप्रदेश में कमल मुरझा रहा है।
मध्य प्रदेश में दूसरा कमल खिल रहा है
कांग्रेस पार्टी के नेता इन चुनाव परिणामों से काफी उत्साहित हैं। वह दावा कर रहे हैं कि उनका वोट प्रतिशत बढ़ गया है। 5 बड़े शहरों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। इसके अलावा कुछ शहर ऐसे हैं जहां कांग्रेस चुनाव तो नहीं जीत पाई परंतु आंकड़े उत्साहित कर रहे हैं। यानी कि मध्यप्रदेश में दूसरा कमल (कमलनाथ) खिल रहा है।