जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। परिवादी डिंडोरी निवासी वीरेंद्र केशवानी ने एंबुलेंस घोटाले का आरोप लगाते हुए धुर्वे की गजानन शिक्षा एवं जनसेवा समिति की भूमिका की जांच पर बल दिया है। अधिवक्ता जितेंद्र जैन पैरवी करेंगे। उन्होंने अवगत कराया कि इससे पूर्व हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसका महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया गया। उसी की रोशनी में परिवाद दायर किया गया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश शासन की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत विकासखंड समनापुर, जिला डिंडोरी में मोबाइल हेल्थ यूनिट का संचालन करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डिंडोरी व धुर्वे की गजानन शिक्षा एवं जनसेवा समिति के बीच सेवा उपलब्ध कराने संबंधी अनुबंध हुआ था। पांच मई, 2008 को हुए अनुबंध के अनुरूप जो सेवाएं देनी थीं, वे जमीनी स्तर पर नदारद रहीं। इससे साफ है कि एंबुलेंस घोटाला हुआ है। लिहाजा, इसकी जांच होनी चाहिए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रतिवर्ष 14 लाख रुपये सरकार की ओर से जारी किए जाते रहे और हितग्राही लाभ से वंचित रहे।
दिलचस्प बात तो यह है कि जो बस सरस्वती शिशु मंदिर के नाम पंजीकृत है, उसे तक कागज में दर्शाकर लाभ अर्जित किया गया। अनाप-शनाप बिल जारी कर भुगतान लिया गया। तथ्यात्मक शिकायतों के बावजूद ठोस कार्रवाई नदारद रही। धुर्वे के पूर्व में राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री जैसे पदों पर होने के कारण ठोस कार्रवाई नहीं हुई।