नई दिल्ली। राजनीति में मुफ्त की रेवड़ी यानी चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा आम नागरिकों को फ्री बिजली पानी जैसी सुविधाएं देने की घोषणा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को निर्देशित किया है कि वह कोई समाधान निकालें। चुनाव आयोग ने स्पष्ट इंकार कर दिया कि उसके पास ऐसी घोषणाओं को रोकने के लिए शक्ति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में सभी नागरिकों को फ्री बिजली और पानी उपलब्ध कराने की घोषणा करके सत्ता में बनी हुई है। पार्टी ने पंजाब में भी सरकार बना ली है। अब गुजरात और उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि इस तरह नागरिकों को मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा करके सत्ता प्राप्त करने की परंपरा गलत है। इसे रोका जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जब चुनाव आयोग से इस बारे में उसका पक्ष मांगा तो चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों द्वारा तैयार किए जाने वाले घोषणापत्र पर चुनाव आयोग का कोई नियंत्रण नहीं है। यह जनता पर निर्भर करता है कि वह कैसी सरकार चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देशित किया है कि वह इस समस्या का कोई समाधान निकाले।