ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के उस आदेश का पालन प्रारंभ हो गया है जो 11 फरवरी 2022 को दिया गया था। इसके तहत 1 साल पुराने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार एसडीएम से छीन लिया गया था।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश के अनुसार 1 साल पुराने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जिला न्यायालय द्वारा बनाए जाएंगे। इसके लिए पूरे मध्यप्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था है कर दी गई है। आदेश के तहत जन्म मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के कार्यपालक मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को दिए अधिकार समाप्त कर दिए गए। यह जिम्मेदारी जिला अदालत के सभी न्यायिक दंडाधिकारियों, जेएमएफसी को सौंप दी गई।
अब सभी न्यायिक दंडाधिकारी उनके क्षेत्राधिकार के थाना क्षेत्रों के जन्म-मृत्यु प्रकरणों पर विचार कर विधिवत निराकरण करेंगे। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा सभी जिलों में इसके लिए उचित कार्रवाई की जा रही है।