इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजाें के जाे छात्र हाल ही में हुई यूजी सेकंड ईयर की परीक्षा में फेल हो गए हैं। अब इन्हें फिर से फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेना हाेगा।इन छात्राें काे कॉलेजाें से यह कहकर लाैटाया जा रहा है कि सेकंड ईयर में नई एजुकेशन पॉलिसी के सिलेबस से पढ़ाई हाेगी। ऐसे में पुराने छात्राें काे कैसे पढ़ाएं?
BCOM और BSC के ही 2800 से ज्यादा छात्र फेल हाे गए हैं, जबकि बीए का रिजल्ट भी तैयार है। लगभग सभी को मिलाकर 4000 से ज्यादा छात्र नए सकंट में फंस गए हैं। इस बार संख्या उससे भी ज्यादा है। हालांकि रिजल्ट एक-दाे दिन में जारी हाेगा। उधर, निजी कॉलेज प्राचार्य एसाेसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार झालानी का कहना है हर दिन कॉलेजाें में ऐसे छात्र आ रहे हैं, जाे सेकंड ईयर में फेल हुए हैं। जब तक यूनिवर्सिटी काेई फैसला नहीं लेती, तब तक हम उन्हें दाेबारा सेकंड ईयर में प्रवेश नहीं दे सकते। छात्र अगर दाेबारा फर्स्ट ईयर पढ़ेंगे ताे फीस दाेबारा भरना हाेगी। वहीं साल भी खराब हाेगा।
2021-2022 में इंदाैर सहित प्रदेश में नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हुई। इसकी शुरुआत यूजी फर्स्ट ईयर से हुई। जिन छात्राें ने इस सत्र में प्रवेश लिया था, उनकी परीक्षा इसी माह शुरू हुई है। ये छात्र रिजल्ट आने पर पास हाेकर सितंबर में सेकंड ईयर की क्लास अटैंड करेंगे। सेकंड ईयर की जाे परीक्षा मार्च 2022 में हुई और रिजल्ट हाल ही में आया है, ऐसे छात्राें का कॉलेज में प्रवेश 2020-21 के सत्र में हुआ था। तब नई एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं हुई थी। अब चूंकि सेकंड ईयर में भी इस साल से नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हाे गई है ताे फेल हाेने वाले छात्राें की पढ़ाई नए सिलेबस से हाेगी।
ऐसे में फेल हुए छात्राें काे कॉलेज कैसे पढ़ाएंगे, यह बड़ा सवाल है। इसी कारण उन्हें दाेबारा फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में उनका एक साल खराब हाेगा। एक साल पहले ही सेकंड ईयर में फेल हाेने की वजह से खराब हाे चुका है।