Madhya Pradesh college guest faculty service continue
भोपाल। शिक्षा सत्र 2022-23 में भी अतिथि विद्वान लगातार सेवा देते रहेंगे, आज आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन ने पत्र जारी किया है। लगातार सेवा देते आ रहे अतिथि विद्वानों को एक जुलाई से कंटिन्यू किया गया है। नियमावली सेवा शर्त 17.12.2019 के तहत ही रहेगी, इनका मानदेय इसी के आधार पर मिलता रहेगा।
atithi vidwan vacancy 2022 bhopal samachar
इसी तारतम्य में पत्र 6.5.2022 का भी उल्लेख किया गया है। उक्त पत्र में स्पष्ट करते हुए विभाग ने उल्लेख किया है की रिक्त पदों के विरुद्ध कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों के पद में अगर कोई नियमित नियुक्ति होती है तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। विभाग द्वार फालेंन आउट अतिथि विद्वानों का भी जिक्र किया है। नियमितीकरण के लिए अतिथि विद्वानों ने लंबा आंदोलन भी चलाया था जिस पर ख़ुद सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान शिरकत किए थे। लेकिन सरकार द्वारा अभी अतिथि विद्वानों के लिए कोई नियमितीकरण की पॉलिसी नही बनी।
सेवा शर्तों में कोई भी सुधार नहीं किया गया
अतिथि विद्वानों को नए सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत नियमितीकरण का इंतजार था लेकिन सरकार फिर अतिथि विद्वानों के साथ न्याय करने की बजाय उसी शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था में झोंक रही है। जो की बेहद निराशाजनक है। अतिथि विद्वानों की सेवा शर्तों में कोई भी सुधार नहीं किया गया है।
डॉ देवराज सिंह, अध्यक्ष, अतिथि विद्वान महासंघ,भोपाल
ना वेतन बढ़ा ना ही कोई सुविधाएं मिली
प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन,मूल्यांकन,चुनाव आदि समस्त कार्य पूरी तन्मयता से अतिथि विद्वान 26 वर्षों से करते आ रहे हैं लेकिन सरकार पूरी तरह से निरंकुश बनी हुई है।ना वेतन बढ़ा ना ही कोई सुविधाएं मिली। अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित क्यों नहीं कर रही है सरकार,नियमित करने में क्या दिक्कत है।शिवराज सिंह चौहान जी अगर वास्तव में संवेदनशील हैं अतिथि विद्वानों के लिए तो नियमित कर वादा पूरा करें।
डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ