भारत में ज्यादातर ग्रेजुएट युवाओं का टारगेट होता है कि उन्हें एक ऐसी नौकरी मिल जाए जिसमें 25-30 हजार रुपए महीना सैलरी मिलती हो। कुछ स्मार्ट लोग ऐसे युवाओं को हायर करके मोटा पैसा कमाते हैं। आप चाहे तो डायरेक्ट अपनी टारगेट सैलरी से ज्यादा कमा सकते हैं। आपको सिर्फ एक रजिस्ट्रेशन कराना है और ऐड्रेस वेरीफिकेशन सर्विस शुरू करना है।
Address verification service क्या होती है
मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। बैंक, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल का सिम कार्ड और ऐसे ही तमाम सारी सेवाओं के लिए KYC अनिवार्य होता है। KYC के लिए ही ऐड्रेस वेरीफिकेशन सर्विस संचालित की जाती है। यह जीरो इन्वेस्टमेंट बिजनेस है। आपको केवल अपने क्षेत्र में संचालित होने वाले बैंक, फाइनेंस करने वाली कंपनियां, मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां और इस प्रकार के संस्थानों से संपर्क करना है।
लोकल एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी में जिस प्रकार दुकानों का रजिस्ट्रेशन होता है। आपको अपनी फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाना है। भारत के अलग-अलग शहरों में फर्म के रजिस्ट्रेशन के लिए ₹200 से लेकर ₹2000 तक का खर्च आता है। अच्छा सा विजिटिंग कार्ड बनाना है। एक लेटर हेड जिस पर आपका प्रपोजल होगा। शुरू करने से पहले थोड़ा मार्केट सर्वे भी जरूरी है।
इस काम में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होती है आपकी पंक्चुअलिटी। यदि आप नियमित हैं, यदि आप दिए गए समय पर काम पूरा कर देते हैं तो सभी कंपनियां आपको KYC का काम देना पसंद करेंगी। KYC के लिए अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग शुल्क देती हैं। एक KYC पर कम से कम ₹200 की बचत होती है। यदि आप दिन भर में केवल 10 KYC कंफर्म कर लेते हैं तो साप्ताहिक छुट्टियां काट कर आपका 30-40 हजार रुपए महीने का इनकम हो ही जाएगा।
एक बार बाजार में आप की विश्वसनीयता बन गई। कंपनियों के साथ आपके रिलेशन अच्छे हो गए तो फिर आप अपनी सर्विस को बढ़ा सकते हैं। जैसा कि पहले भी बताया गया है, लोग नौकरी करना पसंद करते हैं। उन्हें 15-25 हजार रुपए महीना देकर उनकी ही मेहनत से 30-40 हजार रुपए कमा कर प्रत्येक कर्मचारी पर 10-20 हजार रुपए महीना बचा सकते हैं। एजेंसी बनाने के बाद थोड़ा ऑफिस का खर्चा भी होगा, लेकिन मुनाफा काफी है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.