इंदौर। मध्यप्रदेश में नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में बहुचर्चित अक्षर नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए MY अस्पताल में पदस्थ चार सीनियर्स नर्सों को सस्पेंड कर दिया है। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा कराई गई जांच में चारों नर्सों के खिलाफ गड़बड़ियों के प्रमाण मिले। खास बात यह कि ये चारों नर्सें सरकारी सेवा में होने के बावजूद कॉलेज के संचालन व फैकल्टी के रूप में जुड़ी थी। मामले में कलेक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा विभाग (DME) को भेजी गई। उसके आधार विभाग ने इन चारों नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जिन नर्सों को सस्पेंड किया गया है उनके नाम सीनियर नर्स किरण सांगले, रश्मि मेढ़ा, चंपा मौर्य व निशा गुप्ता हैं। इनमें किरण सांगले मुख्य रूप से कॉलेज की कर्ताधर्ता थी जबकि बाकी तीनों नर्सें वहां फैकल्टी के रूप में जुड़ी थी। इनमें निशा गुप्ता व रश्मि मेढ़ा दोनों बीएससी पास हैं, जबकि नर्सिंग में पढ़ाने के लिए एमएससी नर्सिंग होना अनिवार्य है।
यानी अपात्र फैकल्टी के नाम पर कॉलेज को मान्यता भी मिल गई थी। जबकि हर साल कॉलेज की इन्सपेक्शन होता है। इसके लिए भोपाल स्थित नर्सिंग कौंसिल व नर्सिंग रजिस्ट्रार इंस्पेक्शन करने आते हैं। पिछले माह इन नर्सों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इन नर्सों के सस्पेंड करने का आदेश पिछले हफ्ते जारी हो चुका था, लेकिन इस बीच नर्सिंग डे व अवकाश होने के कारण रोका गया। फिर मंगलवार को चारों को सस्पेंड कर दिया गया।
कॉलेज का संचालन 2015 में शुरू किया था और मान्यता 2020-21 में रद्द कर दी गई थी। कॉलेज का भवन एक गोदाम की तरह था जिसके तीन कमरे कॉलेज के लिए किराए पर लिए गए थे जबकि अन्य हिस्सों लहसुन,प्याज व भैंसें थी। स्टूडेंट्स को मार्कशीट नहीं दी गई थी। कॉलेज द्वारा स्कॉलरशिप में भी घपले किए गए हैं। कॉलेज के स्टूडेंट्स को एमवायएच में प्रेक्टिस कराई गई जबकि ऐसी कोई अनुमति या संबद्धता नहीं है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.