जबलपुर। हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि डीएसपी को वर्तमान जगह पर ही पदस्थ रखा जाए। साथ ही उसकी शिकायत पर नियमानुसार विचार कर चार सप्ताह के भीतर समुचित निर्णय लिया जाए।
न्यायमूर्ति एएस धर्माधिकारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी कौशलेंद्र सिंह परमार, कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर, संजीव तुली व रवींद्र बिसेन ने पक्ष रखा। उन्हाेंने दलील दी कि शासकीय सेवा तबादला नियम के अनुसार सामान्यतः तीन वर्ष में एक बार तबादला किया जाना चाहिए। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को बार-बार तबादला करके परेशान किया जा रहा है।
कब कब तबादले किए गए
9 सितंबर 2020- छतरपुर से टीकमगढ़
12 जुलाई 2021- टीकमगढ़ से छतरपुर
25 मार्च 2022- छतरपुर से पीएचक्यू भोपाल
हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ता के हक में आदेश पारित कर दिया। हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश में साफ किया कि तबादला नीति का पालन अनिवार्य है। उसके अभाव में तबादला दूषित हो जाता है। इस मामले में दुर्भावना झलक रही है। इसीलिए अंतरिम राहत दी गई है। निर्धारित समय में गलती का सुधार कर लिया जाए। ऐसा न करने पर अवमानना कार्रवाई हो सकती है।
याचिकाकर्ता अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करे। जिस पर सुनवाई के बाद समुचित आदेश पारित हाेगा। इस सिलसिले में जिम्मेदार अधिकारी अपनी ड्यूटी निभाएंगे। ऐसा न करने पर नए सिरे से चुनौती दी जा सकेगी। अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर ने साफ किया कि याचिकाकर्ता की पत्नी व बच्ची बीमार हैं। वह स्वयं बीमार है। ऐसे में परेशान करना ठीक नहीं है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.