LIFE MANAGEMENT - देना सीखिए, मिलना शुरू हो जाएगा, लाइफ का सबसे सिंपल फंडा - शक्ति रावत

क्या आपको याद है कि आपने आखरी बार किसी के भी लिए एेसा कोई काम कब किया था, जिसमें आपका कोई स्वार्थ या अपेक्षा नहीं थी। यहां तक कि आपने उस काम के लिए सामने वाले के थैंक्स का भी इंतजार नहीं किया था। अगर याद आ गया तो अच्छी बात है, लेकिन अगर याद नहीं आया तो नारा•ा मत होईये। मेरा इरादा आपके व्यक्तित्व की जांच-पड़ताल का नहीं है। बल्कि आपको कुदरत का एक छोटा सा नियम याद दिलाने का है। वह नियम है, कि आपको मिलेगा तभी जब आप देना शुरू करेंगे। प्रकृति का सीधा सा गणित हैं, जो भी आप अपने जीवन में दूसरों को बांटेंगे वही आपके पास कई गुना होकर लौटने वाला है। अब तय आप कर लीजिये कि आप अपने पास क्या लौटाकर लाना चाहते हैं। इसलिये आज बात देने के नियम की।

1- बांटोगे तभी मिलेगा


इंसान का स्वभाव स्वार्थ का है, एेसा इस पूरी दुनिया में कोई नहीं जो खुद खुश रहना नहीं चाहता हो और कोई एेसा भी कोई जिसे दूसरे को खुश देखकर खुशी मिलती हो। हमें पता ही नहीं कि हम दुनिया को निगेटिवी बांटकर खुश रहने की कोशिश कर रहे हैं, तो कुदरत के नियम के खिलाफ है। लोग मुझसे पूछते हैं, कि खुश और पॉजीटिव कैसे रहें तो सरल रास्ता है, जो आप अपने लिए दुनिया से चाहते हैं उसे दूसरों को बांटना शुरू कर दीजिये। वह चीज लौटकर आपके पास आनी शुरू हो जाएगी। यही नियम है, था और रहेगा।

2- छोटी बातें असर बड़े

किसी के लिए दरवाजा खोल देना, किसी को देखकर दिल से मुस्कुरा देना, बड़ी लाइन में किसी जरूरतमंद को आगे जाने देना, किसी बुर्जुग या महिला के बैठने के लिए बस या ट्रेन में सीट छोड़ देना देखने में कोई बड़ी बातें नहीं हैं, लेकिन आपका ईगो आड़े आ जाता है, एेसी स्थिति में आप खुद को मिलने वाली खुशी की चिंता नहीं करते बल्कि यह सोचते हैं, कि बाकी लोग आपको बेवकूफ समझेंगे। मैं कहता हंू एक बार प्रयोग करके देखिए, इसमें आपका कोई पैसा खर्च नहीं होगा। लेकिन करने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे हैं, उस पर गौर जरूर करना। लोगों की चिंता छोड़ो।

3- प्रकृति भी इसी नियम पर चलती है

बिना स्वार्थ किसी के लिए कुछ करना प्रकृति सदियों से इस नियम का पालन करती है, देखिये पेड़, नदियां, हवा, फूल ये कभी किसी से कोई उम्मीद रखते हैं। कुदरत में कोई भी जीव या जंतु एेसा नहीं मिलेगा, जो इस संसार को कुछ ना कुछ देकर ना जाता हो। सिर्फ इंसान अकेला है, जो पूरी जिंदगी धरती और कुदरत लेने का ही काम करता है। तो अगर वाकई जीवन में सुकून और शांति की तलाश है तो देने का नियम बनाईये। बहुत कुछ नहीं कर सकते तो इस गर्मी कम से कम अपने घर पंछियों और जानवरों के लिए थोड़ा सा दानापानी ही ररखकर देख लीजिये।
- लेखक मोटीवेशनल एंव लाइफ मैनेजमेंट स्पीकर हैं।
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