ग्वालियर। ग्वालियर स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय के में हुई मारपीट व तोड़फोड़ की घटना के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकाें ने बुधवार को संस्थान में ताला लगा दिया और विद्यार्थियों की कक्षाएं भी नहीं ली।
यह है पूरा मामला
जीवाजी विश्वविद्यालय के विधि संस्थान में बीते राेज क्लास चल रही थी। विशाल भदौरिया व विशाल तिवारी शराब के नशे में शिक्षक जावेद कुरैशी को पढ़ाने से रोकने लगे। यह कहते हुए हंगामा करने लगे कि कक्षा में नहीं पढाएंगे। इसके बाद जावेद कुरैश के साथ हथापाई करने लगे। उन्होंने बचाने के लिए शिक्षक अमित गोपीनाथन पहुंचे, उनके साथ भी मारपीट कर दी। संस्थान में रखा गमला गोपीनाथन के ऊपर फेंक दिया। इसके अलावा ईंट व पत्थर भी फेंके, जिससे संस्थान में विद्यार्थी दहशत में आ गए। संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो गणेश दुबे पहुंचे तो उनके साथ भी अभद्रता की। दोनों विद्यार्थी धमकी देकर भाग गए।
पहले दिन इन विद्यार्थियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरे दिन शिक्षक मैदान में उतर आए। उन्होंने शिक्षक कार्य का बहिष्कार कर दिया और संस्थान के बाहर खड़े हो गए। शिक्षकों का आरोप था कि यहां पढ़ाने आते हैं, विद्यार्थियों से पिटने के लिए नहीं। उन्हें सुरक्षा दी जाए। इस घटनाक्रम के लिए जो दो दाेषी छात्र हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस विरोध के बाद कुलपति ने शिक्षकों की बैठक ली। इस संस्थान में दूसरी बार इस तरह का विवाद हुआ है, जिससे संस्थान की साख पर असर पड़ रहा है।
विधि संस्थान में हुई मारपीट व तोड़फोड़ के मामले में अनुशासन समिति ने देर शाम को रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट को प्रोक्टोरियल बोर्ड के पास भेज दिया गया है। अब इनके खिलाफ एफआइआर के लिए विश्वविद्यालय थाने में आवेदन भेजा जा रहा है। दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। विशाल भदौरिया B Com. LLB सांतवा सेमेस्टर व विशाल तिवारी BALLB छठवे सेमेस्टर का विद्यार्थी है। दोनों विद्यार्थियों को पूरे घटना क्रम के लिए दोषी मानते हुए शैक्षणिक कार्य से निलंबित कर दिया है। विधि संस्थान के शिक्षकों ने जीवाजी यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (जूटा) को भी पूरी घटना के संबंध में अवगत कराया। संस्थान में गाड़ियों में भरकर लड़के आए, उन्होंने शिक्षकों के साथ मारपीट की। जूटा ने भी घटना का विरोध किया है। संंबंधित छात्रों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं कर्मचारी संगठन ने भी पूरी घटना की निंदा की है।
वर्जन-
अनुशासन समिति की रिपोर्ट तैयार हो गई है। प्रोक्टोरियल बोर्ड के पास रिपोर्ट पहुंचने के बाद दोनों छात्रों पर एफआइआर कराई जाएगी। शैक्षणिक कार्य से दोनों को निलंबित कर दिया है।
प्रो अविनाश तिवारी, कुलपति जीवाजी यूनिवर्सिटी