जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने व्यापम घोटाले के विसलब्लोअर डॉ आनंद राय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाल ही में उनके खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने SC-ST ACT सहित अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज करवा दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि उनके द्वारा जाति के आधार पर किसी को अपमानित नहीं किया गया बल्कि संदेह व्यक्त किया गया था।
MP TET-3 के पेपर का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था। मोबाइल फोन पर लक्ष्मण सिंह नाम दिखाई दे रहा था। विसलब्लोअर डॉ आनंद राय ने सवाल किया था कि लक्ष्मण सिंह कौन है। कांग्रेस पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया था कि लक्ष्मण सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ एक अधिकारी का नाम है। उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने इसी आरोप के आधार पर कांग्रेस पार्टी के महासचिव केके मिश्रा और व्यापम घोटाले के विसलब्लोअर आनंद राय के खिलाफ FIR दर्ज करा दी थी। दोनों के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया।
इसी मामले को अनुचित करार देते हुए निरस्त करने के लिए डा. राय की ओर से यह याचिका दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, शशांक शेखर के साथ अधिवक्ता भूपेश तिवारी, वरुण तन्खा ने कोर्ट को बताया कि उक्त पोस्ट सागर के एक निजी कालेज से वायरल हुई थी। आवेदक ने अपनी पोस्ट में किसी का अपमान नहीं किया, न ही जातिगत आधार पर कुछ कहा। इस पर सरकार की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया। कोर्ट ने मोहलत देते हुए आगामी आदेश तक आवेदक के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई न करने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.