भोपाल। बड़ी विचित्र स्थिति बन गई है। चुनावी राजनीति से सन्यास लेने के बाद उमा भारती ने फिर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि कैसे भी करके उमा भारती को मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर रखा जाए लेकिन मुख्यालय के नेता उमाश्री का नाम सुनने को तैयार नहीं।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बाद से छटपटा रही हैं उमा भारती
दरअसल जबसे भारतीय जनता पार्टी ने, विश्व हिंदू परिषद की दबंग साध्वी एवं महामंडलेश्वर प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल लोकसभा का टिकट देकर जताया है। तभी से उमा भारती काफी बेचैन हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रज्ञा सिंह के कारण उनका चुनावी राजनीति से सन्यास भंग हो गया। दरअसल, उमा भारती को लगता है कि यदि भोपाल से किसी साध्वी को सांसद होना चाहिए तो वह, उमा भारती होना चाहिए।
दुकान में घुसकर शराब की बोतल तोड़ने से क्या मिला
कुछ लोगों का मानना है कि उमा भारती ने फ्रस्ट्रेशन के कारण ऐसा किया। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान उनसे मिलने के लिए उनके घर गए थे। दोनों के बीच बातचीत हुई थी परंतु शायद वह बात नहीं हुई जो मां भारती चाहती थी। सूत्र बताते हैं कि शिवराज सिंह ने आश्वासन दिया था कि वह दिल्ली में बात करेंगे। उन्होंने बात भी की परंतु बात बनी नहीं।
वह पत्थर उमा भारती ने ना तो शराब में मारा था और ना ही शिवराज में, वह तो भगत सिंह की तरह एक धमाका किया गया था। बाकी दिल्ली में बैठे नेताओं को सुनाई दे। तनाव बढ़े और आश्वासन मिल जाए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.