भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों तख्तापलट की कहानियों का खुलासा हो रहा है। 20 मार्च 2020 को जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। समीक्षा की जा रही है कि किसने क्या गलती की और क्यों मध्य प्रदेश की राजनीति में वह हुआ, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था।
बसपा विधायक संजीव कुशवाहा का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि कुछ विधायक दिल्ली में एक होटल में रुके हुए थे। उनका इरादा कांग्रेस सरकार को गिराना नहीं था, लेकिन गुरुग्राम के होटल में अचानक जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह आ गए और हंगामा करने लगे। तमाम मीडिया को खबर हो गई। जीतू पटवारी ने हिरोपंती दिखाते हुए अपना फोटो वायरल करवा दिया। होटल में मौजूद विधायकों ने कोई बयान नहीं दिया था। जीतू पटवारी एक सूटकेस लेकर विधायक के साथ होटल से उस समय बाहर निकले जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कैमरे पल-पल की रिकॉर्डिंग कर रहे थे। यदि वह सूटकेस जीतू पटवारी के हाथ में नहीं होता, किसी महिला के हाथ में होता तो हर कोई यह विश्वास पूर्वक दावा करता कि उसमें कपड़े हैं।
होटल में मौजूद विधायकों से ना तो कमलनाथ ने बात की थी और ना ही कांग्रेस के किसी दूसरे वरिष्ठ नेता ने लेकिन अचानक खरीद-फरोख्त का आरोप लगा दिया। जो विधायक किसी भी कारण से होटल में रुके हुए थे उनके बारे में आपत्तिजनक बयान बाजी कर दी गई। इतना सब होने के बाद कांग्रेस के साथ बने रहने की गुंजाइश ही नहीं रह गई थी। श्री कुशवाहा का कहना है कि मध्यप्रदेश में भाजपा ने कमलनाथ सरकार नहीं गिराई बल्कि उतावले पर में कांग्रेस के नेताओं ने ही अपनी कुर्सी तोड़ डाली। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.