भोपाल। आम नागरिकों के लिए शायद महत्वपूर्ण ना लगे परंतु मध्य प्रदेश के बुद्धिजीवियों के लिए यह ब्रेकिंग न्यूज़ है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और डॉक्टर गोविंद सिंह चाहते थे कि विधानसभा का वर्तमान बजट सत्र निर्धारित समापन दिनांक 25 मार्च से पहले ही समाप्त कर दिया जाए। यह खुलासा संसदीय कार्य मंत्री एवं भाजपा सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने किया है।
मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष नहीं चाहते जनहित के मुद्दों पर बहस हो
यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (जनहित के मामलों में सरकार से सवाल करना जिनकी सरकारी जिम्मेदारी है) कमलनाथ नहीं चाहते थे कि विधानसभा में जनहित के मुद्दों पर बहस हो। शायद इसीलिए वह विधानसभा की कार्रवाई में शामिल नहीं हो रहे थे और जब मुख्यमंत्री ने उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाए तो उन्होंने सदन को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने हेतु सहमति दे दी।
क्या गारंटी है कि विधानसभा के टिकट आपसी सहमति से नहीं बंटेंगे
चिंता की बात तो है। यदि नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री मिलकर आपसी सहमति से जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देते। एक प्रकार से पद का दुरुपयोग करते हुए सदन को निर्धारित अवधि तक चलने नहीं देते, समय से पहले स्थगित करवा देते हैं तो फिर क्या गारंटी है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय दोनों नेता आपसी सहमति से टिकट नहीं बाटेंगे। क्या 2023 में सच में चुनाव होगा या फिर किसी राउंड टेबल पर बैठकर प्रत्याशियों के नाम इस प्रकार से फाइनल किए जाएंगे की जनता के पास विकल्प ही ना रहे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.
प्रदेश में कांग्रेस की अंतर्कलह के कारण विधानसभा का बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। pic.twitter.com/lRlp4eMjvj
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) March 16, 2022