MP HIGH COURT- न्यायमूर्ति ने कहा हिंदी में बहस कीजिए, हिंदी में आदेश सुनाएंगे

जबलपुर।
हाईकोर्ट में हिंदी में कामकाज की लंबे समय से मांग की जा रही है लेकिन वर्षों पुराना अंग्रेजी का कल्चर होने के कारण हिंदी स्थापित नहीं हो पा रही। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने इस मामले में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने वकीलों से अपील की है कि वह हिंदी में बहस करें और हिंदी में आदेश की मांग करें। हम उन्हें हिंदी में आदेश सुनाएंगे। 

JABALPUR HIGH COURT NEWS- वकील अंग्रेजी में आवेदन लाए थे लेकिन हिंदी में बहस हुई

अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा ने न्यायमूर्ति सिंह के आह्वान को अंगीकार कर जिस मामले में हिंदी में बहस शुरू की, वह समनापुर रायसेन में रहने वाले रामकुमार, ओम प्रकाश और बेनी सिंह राजपूत की जमानत अर्जी से संबंधित था। तीनों को जानलेवा हमला करने के आराेप में अधीनस्थ अदालत से चार साल के सश्रम कारावास की सजा मिली थी। अधिवक्ता शर्मा ने जमानत आवेदन अंग्रेजी में तैयार किया था लेकिन अंतत: बहस हिंदी में शुरू कर दी। 

उन्होंने दलील दी कि इस पूरे प्रकरण में निचली अदालत के सामने सही रूप से तथ्य नहीं रखे गए। ट्रायल में अभी समय लगेगा और आरोपितों के फरार होने की कोई संभावना नहीं है। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति सिंह ने अपने आदेश में लिखा कि तीनों अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्तुत आवेदन स्वीकृति योग्य प्रतीत होता है।

न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह दोनों भाषाओं में फैसले देते हैं

न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फैसले देते हैं। इसके लिए उनके कोर्ट में रूम में दोनों भाषाओं के लिए अलग-अलग स्टेनो पदस्थ हैं। वैसे हाई कोर्ट में हिन्दी में फैसले देने का इतिहास काफी पुराना है। न्यायमूर्ति गुलाब गुप्ता ने अपने कार्यकाल में कई फैसले हिन्दी में सुनाए थे। इसके अलावा न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आरसी मिश्रा और न्यायमूर्ति एके श्रीवास्तव भी हिन्दी में आदेश सुनाकर चर्चित हुए थे। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!