इंदौर। पिछले दिनों इंदौर पुलिस वाला फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से 50 करोड़ की ठगी के मामले का खुलासा किया गया था। इसी मामले में आज कोर्ट में पुलिस की काफी किरकिरी हुई। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का रिमांड मांगा था परंतु कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
बिजलपुर निवासी देवेश वरनदानी की शिकायत पर विजयनगर थाना में दर्ज इस प्रकरण की शुरुआत की गड़बड़ी से हुई है। आरोप है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल नेतनराव को गिरफ्तार नहीं किया। गंभीर आर्थिक अपराध की जांच में लापरवाही की गई। बाद में कंपनी के कर्मचारी अनिल बिष्ट और हरदीप को पकड़ा, कोर्ट से दोनों को रिमांड पर लिया लेकिन दो दिन बाद इस मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल भरत बड़े को थाने से हटा दिया। डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय ने एसआइटी का गठन किया लेकिन SIT कुछ भी नया नहीं कर पाई।
बुधवार को कोर्ट पहुंचे SIT अफसरों पांच दिन का रिमांड मांगने समक्ष खड़े हो गए, लेकिन डायरी देखते ही मजिस्ट्रेट ने साफ कर दिया कि वह एक भी दिन का रिमांड नहीं दे सकते। SIT से कहा कि जिन दो युवकों से छह दिन से पूछताछ चल रही है उनसे अभी तक ठोस प्रणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनिल व हरदीप का जेल वारंट बना दिया।
अतुल नेतनराव के दुबई से कनेक्शन का दावा किया गया था
पुलिस ने दावा किया था कि मुख्य आरोपित अतुल नेतनराव अभी तक 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है और उसके तार दुबई से जुड़े है। अतुल अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेटा ट्रेडर्स -5 पर फर्जी फर्म ग्लोबल प्लेटिनम, बीएमबी जैसी कंपनियां बना कर लोगों को ठगता था। करोड़ों रुपये जमा होने के बाद वह कंपनी का पूरा सर्वर ही डिलिट कर देता था। समाचार लिखे जाने तक ना तो अतुल को गिरफ्तार किया गया है और ना ही पुलिस ने अपने दावे के समर्थन में कोर्ट के सामने कोई पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत किया। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.