An apple a day keeps the doctor away, यानी यदि आप रोज एक एप्पल खाते हैं तो आपको कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा। आप बीमार नहीं होंगे। सवाल यह है कि जब एप्पल इतना इंपॉर्टेंट और यूज़फुल है तो फिर उसकी खेती पूरे भारत में क्यों नहीं होती। सरकार एप्पल की खेती को बढ़ावा देने वाली योजना क्यों नहीं बनाती। आइए इस मामले को समझते हैं:-
एप्पल में क्या खास तत्व होते हैं
एप्पल में विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। एप्पल में पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं जो मनुष्य के हृदय और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो एप्पल में वह सारे तत्व होते हैं जो मनुष्य के शरीर को किसी भी रोग से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। कीटाणुओं को पनपने नहीं देते। वायरस को शरीर में घुसते ही मार डालते हैं।
भारत के हर शहर में एप्पल की खेती क्यों नहीं होती
एप्पल यानी सेवफल की खेती के लिए मिट्टी का Ph 5 से 7 के बीच होनी चाहिए। यानी की मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए। जो जितना इंपॉर्टेंट होता है उसके नखरे भी उस नहीं होते हैं। एप्पल के पौधे के भी अपने नखरे हैं। सेवफल के पौधे में पानी नहीं लगना चाहिए। पौधे को बढ़ने के लिए ठंड जरूरी है लेकिन पाला नहीं पढ़ना चाहिए। एप्पल के बगीचे का तापमान 7 से 20 डिग्री तक होना चाहिए। इस तरह की मिट्टी और पर्यावरण पूरे भारत में नहीं मिलता।
वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं कि एप्पल के पेड़ की कोई ऐसी प्रजाति विकसित की जाए जो 45 डिग्री की गर्मी में भी नष्ट ना हो और कोहरा एवं पाला पड़ने की स्थिति में भी पेड़ों को नुकसान ना हो। फिलहाल वैज्ञानिकों को सफलता नहीं मिली है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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