भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र जैसे महत्वपूर्ण अवसर से पलायन कर गए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की अनुपस्थिति में विधानसभा में वरिष्ठ विधायक पीसी शर्मा ने मोर्चा संभाला और मंगलवार को जिस प्रकार से उन्होंने सरकार की घेराबंदी की, उनके अंदर एक नेता प्रतिपक्ष नजर आया।
मध्यप्रदेश विधानसभा में पीसी शर्मा ने मंगलवार को गलत बिजली के बिल और उनकी वसूली के लिए काटे गए कनेक्शनों का मुद्दा उठाया। डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस पर सरकार को घेरते हुए, TAX कम करने की मांग की। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के एरियर का मुद्दा भी उन्होंने पूरी ताकत से उठाया। इससे पहले उन्होंने जीतू पटवारी के व्यापम वाले मुद्दे का जोरदार समर्थन किया।
मध्यप्रदेश में सरकार के विरुद्ध असंतोष का नया कारण (कर्मचारियों की पुरानी पेंशन) मुद्दे को भी उन्होंने उतना ही महत्व दिया जितना कि दिया जाना चाहिए था। ना केवल विधानसभा में पुरानी पेंशन की मांग की बल्कि साथी विधायकों के साथ विधान सभा से वॉकआउट करके पूरी ताकत के साथ यह बताने की कोशिश की गई कि वह कर्मचारियों के साथ हैं। 1 दिन में इतना सारा काम, कांग्रेस पार्टी का कल्चर नहीं है। पीसी शर्मा ने जैसे रिकॉर्ड बना दिया। वह भी तब, जब विधानसभा में कांग्रेस के सभी विधायक उपस्थित नहीं है।
कमलनाथ में नेता प्रतिपक्ष कभी नहीं दिखा
मध्य प्रदेश की राजनीति में जब से कमलनाथ आए हैं। वह मध्य प्रदेश के नेताओं से हमेशा अलग नजर आए हैं। उनके अंदर एक साहब नजर आता है। उनके अंदर एक कारोबारी नजर आता है। वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर जरूर है परंतु उनके अंदर संघर्ष करने वाला नेता प्रतिपक्ष नजर नहीं आता।
डॉक्टर गोविंद सिंह और जीतू पटवारी हड़ताल पर हैं ?
मध्यप्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सत्ता परिवर्तन और शिवराज सिंह सरकार के गठन के बाद पहली बार मौका मिला है, लेकिन डॉक्टर गोविंद सिंह और जीतू पटवारी जैसे हड़ताल पर हैं। दोनों ही नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते हैं लेकिन शायद दोनों का अपने आप से कमिटमेंट है कि जब तक नेता प्रतिपक्ष नहीं बन जाएंगे तब तक विधानसभा में कोई ढंग का मुद्दा नहीं उठाएंगे। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।