भोपाल। लोग होली का चंदा देने से पहले भी वेरीफाई करते हैं कि जो लोग चंदा लेने आए हैं वह होली जलाते हैं या नहीं लेकिन जब मोटा मुनाफा दिखाई देता है तो वेरिफिकेशन का बेसिक सिद्धांत भूल जाते हैं। भोपाल के तेल कारोबारी रवि अग्रवाल यही गलती कर गए। उन्होंने कंपनी का पता नहीं किया और एक मोबाइल ऐप में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार शुरू कर दिया। 3.50 लाख का फटका लगा है। FIR दर्ज हो गई है।
साइबर क्राइम पुलिस के SI पारस सोनी के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के जुमेराती में रहने वाले रवि अग्रवाल का पुराने शहर में तेल का बड़ा कारोबार है। उनके रिश्तेदार कोरोना के समय में क्रिप्टो करंसी में काफी निवेश कर रहे थे, जिससे उन्हें लाभ भी हुआ। यह देख तेल कारोबारी रवि अग्रवाल को लगा कि उन्हें भी इस वर्चुअल करंसी में निवेश करना चाहिए। इसके बाद उन्होंने क्रिप्टो करंसी में निवेश संबंधी एक एप को डाउनलोड कर उस पर निवेश करना शुरू कर दिया।
शुरुआत में सब कुछ अच्छी तरह से चल रहा था। निवेश की गई रकम पर मुनाफा भी मिल रहा था लेकिन अचानक से 31 दिसंबर 2021 को नववर्ष पर क्रिप्टो कंपनी ने निवेशकों को दस गुना तक लाभ कमाने का प्रलोभन दिया। इस पर उन्होंने रिश्तेदार के साथ मिलकर करीब 3 लाख 90 हजार का निवेश कर दिया। एप पर रकम का मुनाफा दिख रहा था।
साइबर जांच में सामने आया है कि उनको करीब 17 लाख की रकम मिलना थी, लेकिन जब करंसी को उन्होंने चेक कराया तो उसमें अंदर सिर्फ क्रिप्टो करेंसी के सिक्के थे। बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत साइबर क्राइम में की। इस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।