MP NEWS- मंत्री बिसाहूलाल का मुख्यमंत्री ने बचाव किया, कहा अगली बार कार्रवाई करेंगे

भोपाल
। सामान्य जाति वर्ग की महिलाओं को अपमानित करने जनता के बीच भड़काऊ बयान देने के मामले में मंत्री बिसाहूलाल की पूरे देश भर में निंदा हो रही है परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका बचाव किया है। सीएम ने उन्हें घर बुलाया और फिर बयान दिया कि यदि अगली बार ऐसा बयान दिया तो माफ नहीं करेंगे। यहां ध्यान देने वाली बात है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिसाहूलाल के बयान की निंदा नहीं की।

शिवराज सिंह ने बिसाहूलाल को बचाने के लिए क्या किया 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री बिसाहूलाल को अपने घर आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। केवल मीडिया में खबर चलाई गई कि मुख्यमंत्री ने मंत्री बिसाहूलाल को तलब किया है। दोनों के बीच अंदर क्या बातचीत हुई पता नहीं। मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई चेतावनी पत्र जारी नहीं हुआ, लेकिन कुछ समाचार प्रतिष्ठानों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने चेतावनी भी है और कहा है कि यदि अगली बार ऐसी गलती की तो माफ नहीं करेंगे। 

प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने माफी मांगी लेकिन नोटिस नहीं दिया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान दिया कि मैंने मंत्री साहू को बुलाया था। उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। मैंने चेतावनी दी है कि ऐसे कोई बयान किसी भी हाल में नहीं आने चाहिए, जिससे थोड़ा भी गलत संदेश जाए। वीडी शर्मा ने कहा, ऐसे बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यदि इस वक्तव्य के कारण किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं अध्यक्ष होने के नाते क्षमा प्रार्थना करता हूं।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के मुखिया होने के नाते विष्णु दत्त शर्मा, दोनों में से किसी भी नेता ने बिसाहू लाल के आपत्तिजनक बयान के संदर्भ में कोई लिखित कार्यवाही नहीं की। जबकि मध्यप्रदेश में पूरा सवर्ण समाज एक स्वर में बिसाहूलाल को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है।

मंत्री बिसाहूलाल का आपत्तिजनक बयान पढ़िए

मंत्री बिसाहूलाल ने अनूपपुर की एक सभा में अपने भाषण में कहा था- जितने ठाकुर लोग हैं, वो अपने घर की औरतों को कोठरी में बंद करके रखते हैं। बाहर निकलने ही नहीं देते। जितने धान काटने वाले, आंगन लीपने वाले, गोबर फेंकने का काम हमारे गांव की महिलाएं करती हैं। उन्होंने कहा था कि जब महिलाओं और पुरुषों का बराबर अधिकार है तो दोनों को बराबरी से काम भी करना चाहिए। सब अपने अधिकारों को पहचानों और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करो। बड़े लोगों की महिला बाहर न निकले तो पकड़-पकड़कर उन्हें बाहर निकालों, तभी समाज में समानता आएगी। 

इस बयान के बाद उन्होंने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसे कुछ मीडिया संस्थानों ने माफीनामा बताया। बिसाहूलाल ने वीडियो जारी किया उसमें भी बयान के लिए माफी नहीं मांगी बल्कि स्पष्टीकरण दिया। 

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