भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाहर से आए हुए लोग दीपावली के अवसर पर अपने-अपने घरों में लौट जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो वापस नहीं जा पाते। कामकाज के अलावा कुछ अन्य परिस्थितियां भी होती है। कई बार घर में पूजा करने के बाद यह समझ में नहीं आता कि कहां जाए। ऐसे सभी लोग अष्टलक्ष्मी मंदिर में आमंत्रित हैं। यहां आकर दीपावली मनाएं। मां लक्ष्मी की पद्मासन मुद्रा में प्रतिमा के दर्शन करें। आनंद ही आनंद मिलेगा।
श्री जगन्नाथ मंदिर जवाहर चौक में स्थित है। जिसे उत्कल समाज द्वारा बनवाया गया है। यहां न केवल मां लक्ष्मी की साढ़े चार फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है, बल्कि उन्हीं के आसन पर अष्ट लक्ष्मी भी विराजमान हैं, जिनकी प्रतिमाएं करीब एक-एक फीट की हैं। खास बात यह है कि मां लक्ष्मी की यह प्रतिमा, इसलिए स्थापित की गई कि लोगों को संयुक्त परिवार में रहने का संदेश दिया जा सके।
मंदिर समिति के सचिव मानस रंजन मोहंती ने बताया कि संभवत: अष्ट लक्ष्मी वाला यह प्रदेश का इकलौता मंदिर है। इसका निर्माण 2004 में हुआ था। तब यहां जगन्नाथ पुरी से आईं भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र की प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं, लेकिन मां लक्ष्मी के बगैर यह परिवार अधूरा था। माता लक्ष्मी की इन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा पिछले वर्ष 29 नवंबर को हुई थी।
जगन्नाथ मंदिर में पद्मासन मुद्रा में मां लक्ष्मी की बड़ी और अष्ट लक्ष्मी की एक-एक फीट की प्रतिमाओं की स्थापना की गई। लक्ष्मी प्रतिमा के स्थापन दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें माता को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। मां लक्ष्मी और अष्ट लक्ष्मी की ये प्रतिमाएं जयपुर से मंगाई गई थीं। वहीं के कारीगरों से मंदिर का निर्माण भी कराया गया था। दीपावली की पूर्व संध्या पर 1100 दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा-आराधना की गई। दीपावली पर मां लक्ष्मी का विशेष शृंगार कर नए वस्त्र और आभूषण धारण कराए जाएंगे। धान, खील, बताशे, चावल, खिचड़ी आदि का भोग लगाकर वितरित किया जाएगा।
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Utkal Samaj Jawahar Chowk, North TT Nagar, TT Nagar, Bhopal, Madhya Pradesh, India