कौन हैं इसरार खान जिसके घुटने बचाने दिग्विजय सिंह राम धुन करेंगे: विधायक रामेश्वर शर्मा- BHOPAL NEWS

भोपाल
। कल दिग्विजय सिंह की गांधीगिरी का जवाब गांधीगिरी से देने के बाद भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने आज दिग्विजय सिंह से सीधा सवाल किया है। रामेश्वर शर्मा ने पूछा कि इसरार खान कौन है जिसके घुटने बचाने के लिए दिग्विजय सिंह मेरे घर रामधुन करने आ रहे हैं। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि इसरार खान काल खेड़ा गांव का ना केवल भूमाफिया है बल्कि खुद को वहां का बादशाह मानता है। हम उसकी बात बादशाहत खत्म कर रहे हैं। इसी बात से दिग्विजय सिंह परेशान हैं। 

रविवार को युवा सदन मालवीय नगर कार्यलय पर रामेश्‍वर शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि इसरार खान ने ₹20 करोड़ मूल्य की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके प्लॉट काट दिए। सरकारी जमीन बेचने और फर्जीवाड़ा करने की शिकायत पर रातीबड़ थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इसरार खान 3 महीने तक जेल में रहा। कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया है। वह मामले के फरियादियों को धमका रहा है। जबकि दिग्विजय सिंह उसके घर जाकर बिरयानी खा रहे हैं। 

रामेश्वर शर्मा ने बताया कि मैंने वहां पीड़ित परिवारों को हिम्मत बढ़ाने का काम किया है। उनको न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। इसी दौरान मैंने पीड़ितों को कहा था कि किसी कांग्रेसी से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें उनके घर से कोई बेदखल नहीं कर सकता। विधायक शर्मा ने बताया कि इसरार खान ने कलखेड़ा में हिन्दू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप का फोटो जड़ित गेट को अपमानित करके तुड़वा दिया था। जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने जाकर वह दरवाजा फिर से स्थापित करवाया। 

विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि इसरार खान जो अपने आप को कलखेड़ा का बादशाह समझता था उसने अपने बेटे साहिल खान के नाम से आंगनबाड़ी केंद्र, साहिल खान शासकीय स्कूल और साहिल नगर तक बसा लिया था। वो यह अक्सर बोलता था कलखेड़ा मतलब इसरार खान। जनता ने शिकायत की, प्रशासन ने कार्यवाही की लेकिन जेल से छूटने के बाद इसरार खान फिर से लोगों को धमका रहा है। वह कहता है कि पुलिस के आने से पहले खेल कर दूंगा। इसलिए मैंने कहा कि यदि वह हमला करें तो घबराना नहीं। आत्मरक्षा का अधिकार कानून ने उन्हें भी दिया है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया BHOPAL NEWS पर क्लिक करें.

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