पिछले 2 साल महामारी और तनाव के बीच बीते हैं परंतु इस साल की दीपावली कई सारे शुभ योग लेकर आई है। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन ना केवल खरीदारी करना अत्यंत लाभदायक होगा बल्कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से 3 गुना लाभ होगा क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। धनतेरस के दिन खजाने के देवता कुबेर, भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
धनतेरस 2021 का महत्व एवं विशेष योग
दिनांक 2 नवंबर 2021 दिन मंगलवार धनतेरस के अवसर पर प्रातः काल 8:35 बजे त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा। सायं काल में यमराज का दीपक रखा जाएगा। इस दिन अत्यंत ही मंगलकारी त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में जो भी कार्य किया जाता है, उसका तिगुना फल प्राप्त होता है। सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे। बुध और मंगल मिलकर धन योग का निर्माण करते हैं। वहीं सूर्य-बुध की युति बुधादित्य योग का निर्माण करेगी। इस योग को राजयोग की श्रेणी में रखा गया है। यह योग तुला राशि में बन रहा है, जो व्यापार की कारक राशि मानी जाती है। मंगल-बुध की युति व्यापार के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
धनतेरस वाले दिन खरीदी का विशेष मुहूर्त
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल एवं तांबे के पात्र खरीदना शुभ माना जाता है। सामाजिक परंपराओं के अनुसार कई लोग संपत्ति और वाहन आदि की खरीदी भी इसी दिन करते हैं। महिलाएं स्वर्ण आभूषण की खरीदारी करती हैं। किसी भी प्रकार की खरीदारी के लिए अमृत योग हमेशा शुभ माना जाता है। चौघड़िया के अनुसार धनतेरस वाले दिन सुबह 10ः30 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक अमृत योग रहेगा। खरीदारी के लिए यह सबसे शुभ समय है।
भगवान धनवंतरी कौन है, धनतेरस पर इनकी पूजा क्यों करते हैं
शास्त्रों के अनुसार सागर मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। उनके प्राकृतिक का दिन कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि था। जिसे धनतेरस भी कहते हैं। अतः धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। भगवान धन्वंतरी आरोग्य के दाता स्वामी हैं। इनकी कृपा के कारण ही मनुष्य निरोगी रहते हैं।
धनतेरस के दिन शाम को यमराज का दीपक रखें
यम का दीपक रखने के लिए सभी समाजों में अपनी-अपनी परंपरा स्थापित है। यदि आपके परिवार कुटुंब अथवा समाज में कोई परंपरा नहीं है तब शाम को घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उस पर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुख दीपदान करना चाहिए। दीपावली से संबंधित अन्य लेख एवं जानकारियों के लिए DIWALI PUJA VIDHI पर क्लिक करें