अबॉर्शन करने वाला डॉक्टर कब अपराधी माना जाता है और कब नहीं- IPC SECTION-91

व्यवस्था द्वारा सहमति से किया गया कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आता है लेकिन कार्य ऐसा होना चाहिए जिसमें किसी व्यक्ति को हानि नहीं हो, कोई जान का खतरा नहीं हो और व्यक्ति द्वारा सावधानीपूर्वक किया गया हो। तब कोई घटना हो जाए तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। लेकिन आज की धारा में सहमति के द्वारा किया गया कार्य चाहे वह सावधानीपूर्वक ही क्यों न किया गया हो अपराध हो सकता है जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 91 की परिभाषा

किसी व्यक्ति की सहमति से किया गया ऐसा कोई कार्य अपराध होगा, जो पहले से ही अपराध की श्रेणी में आता होगा। अगर उस कार्य से व्यक्ति का जीवन बच रहा है तब वह अपराध नहीं होगा।

उधारानुसार समझते हैं:- अगर कोई स्त्री डॉक्टर को यह सहमति देती है कि उसके पेट में पल रहे बच्चे का उसे गर्भपात (अबॉर्शन) करवाना है, डॉक्टर द्वारा महिला की स्वीकृति पर उसका गर्भपात कर दिया जाता है तब डॉक्टर का कार्य अपराध की श्रेणी में आएगा जो धारा 91 के अंतर्गत क्षमा योग्य नहीं होगा। 

लेकिन अगर डॉक्टर को किसी महिला के ऑपरेशन करते समय लगता है कि महिला को बचाने के लिए शिशु की हत्या करना आवश्यक है तब महिला द्वारा या संरक्षक द्वारा दी गई स्वीकृति मान्य होगी एवं धारा 88, 89 के अंतर्गत ये अपराध क्षमा योग्य होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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