DAVV NEWS- सीईटी सेंटर के लिए विश्वविद्यालय में हंगामा

इंदौर
। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के सेंटर को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में लगातार दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बाद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और कांग्रेस पार्टी की छात्र यूनियन एनएसयूआई के नेताओं ने भी हंगामा किया। सभी लोग भोपाल ग्वालियर के सेंटर वाले 6500 स्टूडेंट्स को इंदौर में समायोजित करवाना चाहते हैं। 

जो बच्चे इंदौर में परीक्षा दे सकते हैं वह ग्वालियर क्यों जाएं

अपनी मांग को लेकर छात्र नेताओं ने कुलपति की कार के सामने धरना दिया। बाद में कुलपति ने आनन-फानन सीईटी कमेटी की बैठक बुलाई। उधर एनटीए को केंद्र बदलने के लिए राजी किया जा रहा है। मगर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। सीईटी में केंद्र आवंटन को लेकर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। दोपहर एक बजे जहां कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अजय चौरडिया, तेज प्रकाश राणे, अनूप शुक्ला ने कुलपति डा. रेणु जैन के सामने नाराजगी जताई। कांग्रेस नेताओं ने तर्क दिया कि साढ़े छह हजार विद्यार्थियों को 200 से 500 किमी दूर केंद्र दिए गए है। भोपाल-ग्वालियर में परीक्षा देने के लिए विद्यार्थियों को दो दिन पहले वहां पहुंचना होगा। ट्रेनों की संख्या कम है।

समायोजन नहीं कर सकते तो परीक्षा की तारीख बढ़ानी होगी

बिना रिजर्वेशन जाना संभव नहीं है। इन समस्याओं को एजेंसी नजरअंदाज कर रही है। उपाध्याक्ष चौरडिया ने कहा कि बेंगलुरु-दिल्ली के विद्यार्थियों को इंदौर आना न पड़े इसके लिए वहां केंद्र बनाए हैं। मगर यहां के विद्यार्थियों के बारे में कोई भी विचार नहीं कर रहा है। अब विवि को परीक्षा केंद्र बढ़ाने की जरूरत है। तभी इन विद्यार्थियों को समायोजित किया जा सकेंगा। या फिर परीक्षा आगे बढ़ाई जाए।

इन हालात में परीक्षा नहीं होने देंगे: एनएसयूआई

एनएसयूआइ भी मैदान में उतर आया है। छात्र नेताओं का दल भी कुलपति से केंद्र बढ़ाने की मांग लेकर पहुंचा। छात्र नेताओं का कहना है कि ग्रुप बी-सी की परीक्षा देने वाले ज्यादातर विद्यार्थी 12वीं पास है। जिनकी उम्र 17 साल से कम है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे में विद्यार्थियों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। छात्र नेता अमित पटेल और यश यादव ने कहा कि इंदौर के विद्यार्थियों को अगर भोपाल-ग्वालियर जाना पड़ा तो यहां एक भी केंद्र पर परीक्षा नहीं होने देंगे। इसके बाद कुलपति डा. रेणु जैन कमेटी की बैठक लेने तक्षशिला परिसर जाने के लिए निकली। थोड़ी देर में एबीवीपी के छात्र नेता भी पहुंच गए। वे भी केंद्र बदलने को लेकर अड़े रहे। इस बीच छात्र नेताओं ने कुलपति की कार के सामने धरना दे दिया। कुछ छात्र नेता जमीन पर लेट गए। फिर कुलपति पैदल जाने के लिए निकली तो अधिकारियों ने रोक दिया।

कर्मचारियों के बच्चों के लिए बस, बाकी सब भगवान भरोसे

कांग्रेसी, एबीवीपी-एनएसयूआइ के अलावा विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी केंद्र आवंटन से नाराज है। करीब 70 कर्मचारियों के बच्चों को भोपाल-ग्वालियर परीक्षा देने भेजा है। हंगामे के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कर्मचारी नेताओं से बातचीत की और विरोध ठंडा करने की कवायद की गई। अधिकारियों ने कहा कि बच्चों को केंद्र पर भेजने के लिए दो बसों की व्यवस्था की जाएगी। आश्वासन मिलते ही कर्मचारी राजी हो गए। मगर इसके बारे में जानकारी लगते ही छात्र संगठन भड़क गए और बोले कि बाकी विद्यार्थियों की क्या गलती है। उनके परिवाहन, रहने और भोजन की व्यवस्था विवि करें।

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