उस एक पल का इंतजार कीजिये जो आपकी जिंदगी बदल दे - MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI

शक्ति रावत।
आपने अकसर सुना होगा, कि जिंदगी बदलने के लिए एक पल काफी होता है। लेकिन आप सोचते हैं, कि ऐसा तो फिल्मों और कहानियों में ही होते देखा है। तो आज आपके लिए असल जिंदगी से ऐसे चार उदाहरण जिनके काम आपके के लिए जीवन में प्रेरणा और मोटीवेशन का काम करेंगे। दरअसल जीवन को बदलने वाला पल असल में एक चुनौती होता है, और उस समय लिया गया फैसला ही आपका भविष्य तय कर देता है, जिसे हम निर्णायक मौका कह सकते हैं। तो इसे पढ़ते हुए अपनेआप से सवाल कीजिये कि क्या आप इस पल के लिए तैयार हैं।

1- मोर्स ने खोज लिया टेलीग्राफ

आप में से कई लोग जानते होंगे कि टेलीग्राफ का आविष्कार कब हुआ। लेकिन क्या आप ये जानते हैं, कि टेलीग्राफ की खोज हुई कैसे। सैमुअल मोर्स पेशे से एक पेंटर थे, एक बार वे घर से दूर थे, तभी उनकी पत्नि बीमार पड़ीं, इसकी खबर मोर्स को डाक के द्वारा काफी देर से मिली, जब तक वे घर पहुंचे उनकी पत्नि का देहांत हो चुका था। इस घटना से व्यथित होकर ही मोर्स ने टेलीग्राफ का आविष्कार कर डाला।

2- ओंडो को आया इंस्टेंट नूडल्स का आइडिया

यूरोप में सर्दी वैसे नई बात नहीं, लेकिन मोमाफुकू ओंडो ने एक सुबह कडक़ती सर्दी में लोगों को सूप के लिए लंबी कतार लगाकर खड़े हुए लंबा इंतजार करते देखा तो वे सोचने लगे कि क्या इसका कोई विकल्प हो सकता है। उसी क्षण ओंडो को इंस्टेंट नूडल्स का आइडिया दिमाग में आया। आज दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं जहां इंस्टेंट नूडल्स नहीं मिलता।

3- फिशर ने शुरू कर दी, गेप स्टोर चैन

डोनाल्ड फिशर जींस पहनने के शौकीन थे, उन्होंने एक मॉल से जींस खरीदी, फिट नहीं होने के कारण जब उस जींस को वापस लौटाने गए तो पता चला कि उनके साइज का जींस नहीं मिल सकेगा। फिशर और कुछ जगहों पर भी गए तो उन्हें निराशा होना पड़ा। उसी पल उनके दिमाग में खयाल आया कि, इस तरह तो हजारों मोटे-ताजे लोग जींस के साइज को लेकर परेशान होते होंगे, और नीव पड़ गई, दुनिया की बड़ी स्टोर चैन गेप की। इस स्टोर पर आपको किसी भ साइज का जींस हमेशा मिलेगा।

4- ऐसे पड़ी एयरबीएनबी कंपनी की नीव

ब्रायन चैस्की जिस फ्लैट में रहते थे, वह कुछ बड़ा था, लेकिन चैस्की की जेब खाली। काफी कोशिशों के बाद भी चैस्की उस फ्लैट का किराया नहीं चुका पा रहे थे, तभी उनके संपर्क में कुछ लोग कॉफ्रेंस के लिए आए। चैस्की को आइडिया आया कि क्यों ना इन्हें अपने फ्लैट पर रूका लिया जाए। यही से शुरूआत हो गई। एयरबीएनबी की जो आज एक बड़ी कंपनी बन चुकी है। - लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं।

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