पॉजिटिविटी मैनेजमेंट- सोचो, बोलो और पाओ का नियम- MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI

शक्ति रावत।
पिछली सदी में पश्चिम में एक आदमी हुआ, कुए। उसकी खासियत यह थी, कि उसने अपने पूरे जीवन में 30 हजार से ज्यादा लोगों को बिना किसी दवाई के बिल्कुल ठीक किया। उसका तरीका अलग था। वह मरीज के पास बैठ जाता, और बार-बार एक ही बात दोहराता रहता, कि तुम पूरी तरह स्वस्थ्य हो। बार-बार दोहराने से यह बात इंसान के अवचेतन तक पहुंचती और चमत्कार होता। 

आपको पढक़र अजीब लग सकता है, दरअसल यह कुदरत का नियम है। जीवन में आपका ध्यान जिन बातों पर होगा, वे देर अबेर आपके जीवन में घटने लगेंगीं। इसलिये हमारे यहां हमेशा कहा जाता रहा, अच्छा सोचो और अच्छा बोलो। कारण यही नियम है। कोरोना की दूसरी लहर गई, अब तीसरी की चिंता है, कैसे निपटेगें, इन हालात से जबाब है, बोलो सोचो पाओ। यह नियम प्रयोग करके देखिये। सारे डर दूर होंगे, और आप पहले से ज्यादा पॉजीटिव महसूस करेंगे। कैसे खुद जानिये।

1- मैं पूरी तरह स्वस्थ्य हूं, और रंहूगा

इस दौर में सेहत का डर आम है, हल है, रोज कम से कम दिन में यह संकल्प दो बार दोहराएं। मैं पूरी तरह स्वस्थ्य हूं, और हमेशा रहूंगा। मेरे परिवार के सारे सदस्य पूरी तरह स्वस्थ्य और सुरक्षित है। सभी निरोग हैं, और रहेंगे। पहली दफा आपको यकीन ना आए कि बोलने से क्या होता, तो इसे करके देखिये। जैसे-जैसे आपके अवचेतन में यह संकल्प गहरा होगा, और जितनी ईमानदारी से आप दोहराएंगे, नतीजे सामने आने लगेंगे।

2- मेरा भविष्य सुरक्षित है

इस समय ज्यादातर लोगों को चिंता अपने काम और नौकरी की है, इसलिये सभी भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिये हर दिन दूसरा संकल्प यह दोहराएं कि, मेरा वर्तमान काम या नौकरी तो सुरक्षित है ही, मेरा भविष्य भी पूरी तरह से सुरक्षित है, अपने जीवन में जो लक्ष्य मैने तय किये हैं, उन्हें में जरूर हासिल कंरूगा, हालात चाहे जैसे भी हों।

3- मैैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं

कोरोनाकाल में कोई नहीं जानता कब किसके सामने कौन सी चुनौती आ जाए। यह संकल्प आपको मुश्किल समय के लिए तैयार करेगा। प्रतिदिन दोहराएं कि, में हर चुनौती के लिए तैयार हूं। अगर कोई मुश्किल सामने आ भी गई, तो मैं उसमें सुरक्षित बाहर निकलूंगा।

4- ईश्वर हमेशा मेरे साथ है

जब इंसान का असाधारण हालात से सामना होता है, तब अकेले उसकी हिम्मत काम नहीं आती, तब आपको ईश्वर की मदद की जरूरत होती है। इसलिये चौथा और अंतिम संकल्प यह दोहराएं कि, ईश्वर का सुरक्षा कवच हमेशा मेरे साथ है, वह हर हाल में मेरी मदद के लिए खड़ा है, वह मेरे या मेरे परिवार के साथ कुछ गलत नहीं होने देगा। 

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