शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों का 25% आरक्षण असंवैधानिक, बोनस अंक मिलना चाहिए - MP NEWS

भोपाल
। पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष तरूणेन्द्र कुमार मिश्रा ने शिक्षक भर्ती 2018 की सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त भर्ती में  अतिथि शिक्षकों के लिए अपनाए गए नियम कपटपूर्ण एवं असंवैधानिक हैं। मध्यप्रदेश सरकार विगत 14 वर्षो से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित सभी विद्यालयों में रिक्त शिक्षक के पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों से सेवाएं ले रही है। उन्हें इस शिक्षक भर्ती में 25% रिक्तियों के आरक्षण के नाम पर प्रवर्गवार आरक्षण के भीतर 25% रिक्तियों के विभाजिन का दोषपूर्ण नियम बनाकर छला गया है।

रिक्तियों के विभाजन के कारण अतिथि शिक्षक यह समझे कि पहले 75% पदों पर अतिथि शिक्षक को सामान्य अभ्यार्थी मानकर मेरिट के क्रम से चयनित किया जाएगा। तदुपरांत 25% रिक्तियों पर अतिथि शिक्षकों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। किन्तु वास्तव में अतिथि शिक्षकों को 25% पदों की गारंटी देकर अतिथि शिक्षकों को उनके सतत कार्य से अर्जित नैसर्गिक आगमनात्मक योग्यता के अंकीय मान का दमन करने का षडयंत्र किया गया है।

अतिथि शिक्षकों को दिया गया यह आरक्षण संविधान में समानता के स्तर पर उठाने के लिए की गई आरक्षण व्यवस्था का दुरुपयोग है और योग्यता का सही मूल्यांकन करने के स्थान पर व्यावसायिक आधार पर दिया गया यह आरक्षण संविधान की धारा 14/1 का उल्लघन है। आरक्षण की अवधारणा संविधान के अनुच्छेद 15,16 एवं उसके उपबंधो से अवतरित है, जिसमें आदेश किया गया है कि समाज के वंचित वर्ग और व्यक्ति के वंचित समूह को न्याय पूर्वक मुख्यधारा में स्थापित करने के लिए के लिए आरक्षण उपायों पर सरकार विचार कर सकती है। किन्तु अतिथि शिक्षक वर्ग जिसका उक्त आधार पर कोई सम्बन्ध नहीं तथा व्यावसायिक आधार पर संविधान आरक्षण की अनुमति प्रदान नहीं करता है, के लिए क्षैतिज आधार पर रिक्तियों को आरक्षित करने का नियम बनाकर सरकार ने आरक्षण के संबंध में संविधान की व्यवस्था का दुरुपयोग किया है। 

ऐसा विश्व के इतिहास में पहली बार घटित हुआ है जब कोई व्यक्तिगत समूह उसी कार्य को करते हुए उसी कार्य में पिछड जाये और फिर उसे मुख्य धारा में शामिल करने के आरक्षण दिया जाए, जोकि असंवैधानिक तथा निरर्थक हो। जबकि आज तक के  किए गए समस्त अनुसंधानो में विज्ञान यह सिध्द करता है कि मानव हो या कोई भी प्राणी वह जिस प्रयास को निरंतर करता है उसमें वह        

उत्तरोतर कुशल होता जाता है। अर्थात वह आगमन विधि (Inductiv method) द्वारा अपने कार्य में दक्ष होता रहता है। इस प्रकार वह लोग जो अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त किए गए हैं तथा नियुक्ति पाने के लिए प्रतिवर्ष सरकार के निर्दिष्ट मापदण्डों मे खरा उतर कर नियुक्ति को वर्ष दर वर्ष अर्जित करके सालों से अतिथि शिक्षक के रूप में सेवाएं देते हुए बेहतर परिणाम दे रहे हैं। सरकार द्वारा उन्हें उसी कार्य में पिछड़ा मान लेना अतार्किक और अवैज्ञानिक है। हमारे द्वारा वर्षो तक किए गए शैक्षणिक कार्य से अर्जित दक्षता की गणना नहीं की गई।  अतिथि शिक्षक समस्त योग्यता धारित करते हुए विगत कई वर्षो से उसी विभाग में अध्यापन का अनुभव रखते हैं। अतः उन्हे निष्चित प्रतिनिधित्व नहीं बोनस अंक (भारांक) के रूप मे वरीयता मिलनी चाहिए।

श्री मिश्रा ने बताया कि आदेश क्रमांक 812/1249/2016/20-1 डब्ल्यू.पी. 16/2016 द्वारा श्रीमती मनीषा रघुवंषी एवं अन्य 24 अतिथि शिक्षक मे माननीय उच्च न्यालय जबलपुर के पारित निर्णय  दिनांक 06/01/2016 एवं म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग मत्रालय भोपाल आदेश क्रमांक 1363/1278/2016/20-1 भोपाल दिनांक 05/08/2015 के द्वारा डब्ल्यू. पी. क्रमांक 7047/2015 संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ म.प्र. द्वारा मनोज मिश्रा में माननीय उच्च न्यालय जबलपुर के पारित निर्णय  दिनांक 14/05/2015 के तहत प्रस्तुत अभ्यावेदन के निराकरण मे म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 813/1243/2016/20-1 दिनांक 19/05/2016 में अतिथि शिक्षक को आगामी संविदा भर्ती बोनस अंक दिए जाने की बात कही गई है। क्योकि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-54/2014/20-1 भोपाल दिनांक 17.03.2015 के अनुसार अध्यापन अनुभव के आधार पर अतिथि शिक्षकों को आगामी संविदा शिक्षक भर्ती में बोनस अंक प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया था, जो सर्वाधिक न्याय पूर्ण था। लेकिन म.प्र. शासन ने उक्त आदेश के तहत भर्ती नही की जबकि अतिथि शिक्षक उन्ही पदों के विरुघ्द कार्य कर रहे थे और आज भी कर रहे है। 

माननीय न्यायालय के आदेशानुसार पूर्व में शिक्षाकर्मी भर्ती एवं संविदा शिक्षक भर्ती में अनुभव के आधार पर बोनस अंक दिये जा चुके हैं। उच्चशिक्षा विभाग में अतिथि विद्वानों को सहायक प्रध्यापक भर्ती 2017 में अनुभव के आधार पर बोनस अंक प्रदान किए गए हैं। उक्त के सम्बन्ध निम्न मांगो सहित में संघ द्वारा  माननीय मुख्यमंत्री महोदय सहित विभाग के अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौपा गया 

1. मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (MPTET) उत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों को अध्यापन अनुभव के आधार पर बोनस अंक (भारांक) प्रदान किए जाए। 

2. शेष पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण एवं प्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को अनुभव की वरीयता के आधर पर उसी पद पर नियोजित करते हुए मानदेय में वृध्दि कर 62 वर्ष का सेवाकाल प्रदान किया जावे।

3. अनुत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से पुनः अवसर प्रदान स्थयित्व प्रदान करते हुए भविष्य सुरक्षित किया जाए।   

इस ज्ञापन कार्यक्रम में प्रांतध्यक्ष सहित प्रातीय सचिव अरुण गोस्वामी, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार रैकवार, प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष रामसिंह अहिरवार, ओ.पी प्रजापति, आशीष मिश्रा, मीडिया प्रभारी  विजय बहेली, प्रदेश सह सचिव गुलाम खान, प्रांतीय कार्यकारी समिति के सदस्य राजकिशोर रैकवार, भेरू सिंह सोलंकी, सुनील शाक्य, संजय कुमार डांगी, राजेन्द्र नामदेव, सुनील मेहता, करन सिंह राजपूत, सतीष शर्मा, भरत गौर, देवेन्द्र गिरि गोस्वामी, संदीप गिरि गोस्वामी, गोविन्द उपाघ्याय, फूलचंद रैकवार, भरत तिवारी, राहुल मिश्रा, यूसुफ खान, अरविंद पुरी, आदि उपस्थित रहे। 

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