JP BHOPAL कोरोना कांड: इस बार मरीज का शव बिना PPE KIT परिजनों को सौंप दिया - MP NEWS

भोपाल
। किसी जमाने में सबसे बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं के लिए विख्यात सरकारी जेपी हॉस्पिटल अब लापरवाही और बदइंतजामी के लिए कुख्यात हो गया है। ताजा मामला कोरोनावायरस से पीड़ित मरीज की मौत का है। अस्पताल ने मरीज के शव को बिना PPE KIT में पैक किए परिजनों को सौंप दिया। हंगामा हुआ तो लीपापोती शुरू हो गई। 

शव कैसे बाहर निकाला इसकी जांच कर रहे है

एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें अस्पताल का स्टाफ वाहन से शव को बाहर निकाल रहा है। उन्होंने पीपीई किट भी नहीं पहनी है। इस मामले में मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों को इलाज और देखभाल में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए है। वहीं, जयप्रकाश चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि परिजनों के आरोप बेबुनियाद है। वह शव लेकर जबरन जा रहे थे। वह कोविड वार्ड में कैसे पहुंचे और शव कैसे बाहर निकाला इसकी जांच कर रहे है।

ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोनावायरस के मरीजों की मौत: आरोप

बता दें जेपी अस्पताल में बुधवार रात में दो कोरोना मरीजों की मौत हुई। आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात कही जा रही है। हालांकि प्रबंधन ने ऑक्सीजन से मौत के आरोपों को गलत बताया है। भानपुर निवासी सुनील मौर्य ने बताया कि उनकी मां को बुखार आ रहा था। वह 28 मार्च को मां रामवती (45) को लेकर जयप्रकाश अस्पताल आए। सुनील ने आरोप लगाया कि पहले तो डॉक्टरों ने बिना कोरोना जांच के उनकी मां को कोरोना बता दिया और कोविड वॉर्ड में भर्ती करा दिया। 

वार्ड में उनका ना तो ठीक से इलाज किया जा रहा था ना ही देखभाल। परिजन ही उनको खाना और दवा दे रहे थे। सुनील ने बताया कि बुधवार की रात वह मां को खाना खिलाकर बाहर आकर सो गए। सुबह 6 बजे मुझे फोन पर बताया कि मेरी मां की तबीयत गंभीर हो गई है। मेरी मां की हालत कुछ देर पहले तक ठीक थी। रात 3 बजे एक मरीज के तेजी से चिल्लाने पर वह कोविड वार्ड से अन्य मरीज के साथ बाहर आ गई थी। थोड़ी देर बाद मुझे सूचना दी कि मेरी मां की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद मैंने जाकर देखा तो थोड़ी पल्स चल रही थी। मैं दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए अपनी मां को लेकर बाहर आ गया, लेकिन गाड़ी से उनको बाहर उतार लिया। सुनील ने आरोप लगाया कि रात में वार्ड में सब सो जाते है। मरीजों की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता।

सरकारी अस्पताल में कोरोनावायरस मरीजों से 4-4 हजार के इंजेक्शन बुलाए

सुनील ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उसकी मां के जल्दी ठीक होने के लिए इंजेक्शन बुलाए गए। उनकी कीमत 4-4 हजार रुपए थी। इसके संबंध में अस्पताल ने कागज पर लिखा कि वह इंजेक्शन उनकी मर्जी से लगवा रहे है। तीन इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद भी उनकी मां ठीक नहीं हुई।

ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने का वीडियो वायरल

जयप्रकाश अस्पताल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। यह वीडियो होली के दिन का बताया जा रहा है। जिसमें ऑक्सीजन रखने के रूप में एक शख्स आकर ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की बात कर रहा है। इसके बाद एक कर्मचारी तुरंत उस तरफ दौड़ लगाता है। मरीज के परिजन ने अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए।

हमीदिया में बेड होने से रेफर नहीं कर सके

“मरीज को गंभीर हालत में 28 मार्च को अस्पताल लाया गया था। दूसरे दिन उसका रेफरल फाॅर्म भी भरा गया, लेकिन दूसरी जगह बेड उपलब्ध नहीं थे। इसलिए अस्पताल में ही वेंटीलेटर पर रखा गया। मरीज को डायबिटीज थी। उसके दोनों फेफड़े में संक्रमण फैल चुका था। ड्यूटी डॉक्टर ने बताया था कि हमीदिया में बेड नहीं होने से रेफर नहीं कर सके। कल रात के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। 
डॉ. वीके दुबे,डॉक्टर, जयप्रकाश अस्पताल
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