MPPSC: असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर दिव्यांगों को नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट का नोटिस - UPDATE NEWS

हरेंद्र जादौन/भोपाल।
जबलपुर हाईकोर्ट मे दायर अवमानना प्रकरण CONC 538/2021 मे सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज दिनांक 15-3-2021 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग तथा मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग को दिव्यांग अभ्यर्थियों की सहायक प्राध्यापक के पदों पर सही गणना कर नियुक्ति देने के लिए नोटिस जारी किया है।

जबकि पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश के पृष्ठ 6 के अनुसार दृष्टिबाधित उमीदवारों को 2% ,अस्थिबाधित उमीदवारों को 2% तथा श्रवणबाधित उमीदवारों को 2% आरक्षण देने को कहा है इसलिए कुल स्वीकृत पदों पर 6℅ आरक्षण केवल तीन श्रेणीयो (दृष्टिबाधित उमीदवारों को 2% ,अस्थिबाधित उमीदवारों को 2% तथा श्रवणबाधित उमीदवारों को 2% आरक्षण)को दिया जाएगा। 

जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश के  paragraph 29 के अनुसार दिव्यांगजनों के पदों की गणना  कुल केैडर इसटैन्थ का  6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों ( 2℅ अस्थिबाधित , 2℅ दृष्टिबाधित , 2℅ श्रवणबाधित)को देने का आदेश दिया था यानि 39 विषय के 8032 पद पर 482 पद दिव्यांगजनों के बनते है परन्तु 8-2-2021 के लोक सेवा आयोग के विज्ञापन में 243 पद दिये है तथा इस विज्ञापन में जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश के पृष्ठ 13 पालन नहीं किया गया जिसके अनुसार सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पद नहीं है उन विषयों के पद अन्य विषयों के सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को दिये जाए। 

सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय, नई दिल्ली (विकलांगों व्यक्तियों के लिए आरक्षित  पद 29 जुलाई 2013 को प्रकाशित अधिसूचना संख्या No.16-15 / 2010-DD-III) तथा 2003,2006 और 2008 में सहायक प्रध्यापक परीक्षा के पुराने विज्ञापन में भर्ती में विशेष रूप से उल्लेख किया था कि ये पद दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए नहीं हैं विषय :गणित, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, गृह विज्ञान ,भूगोल,भूगर्भशास्त्र ,नृत्य और रसायन विज्ञान विषय के पद सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पद नहीं है इन विषयों के पद अन्य विषयों के सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को दिये जाने चाहिए थे अन्य विषय जैसे : हिन्दी, राजनीतिशास्त्र ,समाजशास्त्र ,वाणिज्य, अथशास्त्र, अंग्रेजी, इतिहास, विधि, तथा संस्कृत।जबलपुर हाईकोर्ट के WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश के 11 माह बाद भी उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश का सही से पालन किया है और न तो नियुक्ति दी है यह मध्यप्रदेश के दिव्यांगजनों के साथ अन्याय है जिसके कारण आज भी दिव्यांगजन मानसिक ,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हैं। 

लोक सेवा आयोग ने पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट में MCC/938 लगाई थी जिसमें उन्हें पूर्व में नियुक्ति के लिए 31-12-2020 तक का समय दिया गया था परन्तु नियुक्ति तो दूर लोक सेवा आयोग ने चयन सूची तक जारी नहीं की। इसके बाद भी लोक सेवा आयोग ने पुनः जबलपुर हाईकोर्ट में MCC/1349 लगाई जिसमें हाईकोर्ट ने नियुक्ति के लिए 28-2-2021 तक का समय दिया है। 

लोक सेवा आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि एक दिव्यांगजन अपनी जिंदगी में कितनी विषम परिस्थितियों में शिक्षा ग्रहण करता है। शिक्षा के पश्चात जब रोजगार की बात आती है तो सरकारी नीतियां किस तरह से उसकी राह में बाधक बनती है कि जैसे आरक्षण में त्रुटी के कारण दिव्यांगजन परीक्षा उत्तीर्ण होते हुए भी आज बेरोजगार है। इस वैश्विक विपत्ति के समय दिव्यांगजन अभ्यर्थी बेरोजगार है और उन्हें रोजगार की अत्यंत आवश्यकता है।

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