GWALIOR सहित विदिशा, उज्जैन, नरसिंहपुर में 37 घंटे का लॉकडाउन, मध्य प्रदेश के 12 शहरों में कोरोना की दूसरी लहर

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, कमर्शियल कैपिटल इंदौर, संस्कारधानी जबलपुर, रतलाम, बैतूल, छिंदवाड़ा और खरगोन के बाद अब शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ग्वालियर सहित विदिशा, उज्जैन, नरसिंहपुर में भी 37 घंटे का लॉकडाउन घोषित कर दिया है। 

मध्य प्रदेश के 12 शहरों में संडे लॉकडाउन 

शिवराज सिंह चौहान सरकार के नए फैसले के बाद मध्य प्रदेश के 12 शहरों में 37 घंटे का संडे लॉकडाउन लग गया है। शनिवार रात 9:00 बजे से सोमवार सुबह 6:00 बजे तक कोई भी नागरिक (जिन्हें छूट दी गई है उनके अलावा) घर के बाहर दिखाई दिया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इंदौर भोपाल के सरकारी कार्यालयों में 50% कर्मचारी आएंगे

31 मार्च से इंदौर और भोपाल शहर के सरकारी दफ्तरों में आधे ही कर्मचारियों को बुलाया जाएगा। रोटेशन सिस्टम पहले की तरह लागू हो सकता है। कोरोना की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शुक्रवार शाम यह फैसला लिया।

झाबुआ में कोरोनावायरस से मात्र 8 साल के बच्चे की मौत

कोरोना से पिछले 48 घंटे में 18 लोग जान गंवा चुके हैं। इसमें झाबुआ का 8 साल का बच्चा भी शामिल है। उसे 16 मार्च को बुखार आया था और इंदौर में इलाज चल रहा था। कोरोना की दूसरी लहर के बाद इतने कम उम्र के बच्चे की यह संभवत: पहली मौत है। यही वजह है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के अलावा छोटे शहरों में प्रशासन अब ज्यादा सख्ती कर रहा है।

BHOPAL में COVID-19 बेकाबू हुआ, 556 से 3195 एक्टिव केस

प्रदेश में सबसे ज्यादा केस वाले शहर भोपाल, इंदाैर और जबलपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में 60% केस सिर्फ इन तीन शहरों में दर्ज किए गए। भोपाल में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ एक्टिव केस में तेजी से वृद्धि हो रही है। यहां एक सप्ताह में 45% एक्टिव केस बढ़ गए हैं। यदि मार्च महीने के 24 दिन के आंकड़े देखें तो अब तक 5 गुना वृद्धि हो चुकी है। भोपाल में 1 मार्च को एक्टिव केस 556 थे, जो 24 मार्च को बढ़कर 3195 हो चुके हैं। यह सबसे गंभीर स्थिति है।

भोपाल में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, प्रशासन ट्रेसिंग नहीं कर रहा

पिछले 7 दिन में जिस तरह से प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है, उससे संक्रमण दर में 2.1% की वृद्धि हुई है। 17 मार्च को यह दर 5.2% थी, जो 24 मार्च को बढ़कर 7.3% तक पहुंच गई है। यानी टेस्ट बढ़ने के साथ पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी वजह यह सामने आई है कि संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वालों को ट्रेस करने में लापरवाही हो रही है।

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