SIDHI बस हादसा: CM ने कार्यक्रम रद्द किए लेकिन मंत्री के यहां भोज चल रहा था - Madhya pradesh Political news

भोपाल
। नेताओं से संवेदनशीलता की उम्मीद करने वाले लोगों के लिए यह खबर थोड़ी निराशाजनक है। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में प्रतियोगी परीक्षा के 60 विद्यार्थियों से भरी हुई बस बाणसागर नहर में समा गई। 50 यात्रियों की मौत हो गई, सिर्फ 6 यात्री जिंदा निकले। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए परंतु कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया के यहां जश्न का माहौल था। कई मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता इसमें शामिल हुए। मंत्री अरविंद भदौरिया ने बसंत पंचमी के अवसर पर कई मंत्रियों और संगठन के वीआईपी नेताओं को भोज पर बुलाया था। दुख की बात है कि ना तो श्री भदौरिया ने कार्यक्रम स्थगित किया और ना ही अतिथि नेताओं ने शामिल होने से इनकार किया।

एक यात्री का शव नहर में बहते हुए रीवा पहुंच गया 

सीधी कलेक्टर ने आज सुबह 50 यात्रियों की मृत्यु का समाचार दिया है। इनमें से दो शव आज निकाले गए हैं। इनकी पहचान 22 साल के दीपेश प्रजापति और 23 साल की खुशबू पटेल के तौर पर हुई है। दोनों रेलवे की परीक्षा देने के लिए सतना जा रहे थे। इनके अलावा 6 लोग ऐसे भी हैं, जो मौत को मात देकर बाहर निकल आए। इनमें 3 युवतियां और 3 पुुरुष हैं। इधर, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का सीधी दौरा टलने की खबर है। इसकी वजह मृतकों का अलग-अलग गांवों का होना है। 

सीधी बस हादसे में 50 यात्री मर गए ड्राइवर को रात में गिरफ्तार किया

रीवा के सिमरिया निवासी बस ड्राइवर 28 साल के बालेंद्र विश्वकर्मा को पुलिस ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। ड्राइवर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका एक ड्राइविंग लाइसेंस हादसे में बह गया जबकि दूसरा लाइसेंस रीवा में है, वही गाड़ी के दस्तावेज सतना में है। इसके बाद बालेंद्र के ड्राइविंग लाइसेंस और बस के डॉक्यूमेंट्स के लिए दो टीमें रीवा और सतना भेजी गई हैं। पुलिस आरोपी ड्राइवर से यह पता करने में जुटी है कि क्या वह पहले भी ओवरलोड कर बस चलाता था?

63 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी 34 सीटर बस

एएसपी अंजूलता पटले के मुताबिक बस में कुल 63 यात्री सवार थे। इनमें से तीन यात्री हादसे से पहले ही बस से उतर गए थे। वहीं 60 यात्रियों में छह की जान बचाई जा चुकी है। इन 60 यात्रियों में तीन मासूम बच्चों सहित 28 महिलाएं और 30 पुरुष यात्री सवार थे। इसमें से 50 के शव निकाले जा चुके हैं। इन शवों में 23 पुरुष, 22 महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। वहीं लापता लोगों में एक पांच माह की बच्ची भी शामिल है जिनकी सर्चिंग आज सुबह शुरू हुई। इनमें से दो और शव मिले हैं। अब पांच लोगों की तलाश की जा रही है।

बस में 33 स्थानों से लोग हुए थे सवार

नहर में पलटने वाली सीधी-सतना रूट की बस MP19 P 1882 में कुल 33 के स्थान पर 63 यात्री भर लिए गए थे। इसमें सबसे अधिक रामपुर नैकिन, कुसमी और बहरी वेलहा से तीन-तीन, बरौ खड्‌डी रामपुर, चुरहट, कुकुडीझर सीधी, देवसर तरका, सिहावल तिलवार, कठार बोदरहा गोपद बनारस, मुइमाड़ देवरी कुसमी से दो-दो और चदैनिया चुहरट के शामिल रहे। अन्य आसपास के जिलों और कस्बों में रहने वाले थे।

सीधी बस हादसा: सरकार ने नहीं एक आम लड़की ने यात्रियों को बचाया 

हादसे के बाद सरकारी बयानों में लगातार कहा जा रहा है कि 6 यात्रियों बचा लिया गया लेकिन वास्तविकता यह है कि यात्रियों को जिंदा बचाने का काम सरकार ने नहीं बल्कि एक आम लड़की ने किया है। इस लड़की का नाम शिवरानी है। 

सिर्फ यह लोग जिंदा बचे
स्वर्णलता प्रभा (24)
विभा प्रजापति- (21)
अर्चना जायसवाल (23)
सुरेश गुप्ता (60)
ज्ञानेश्वर चतुर्वेदी (50)
अनिल तिवारी (40)

हिम्मत से दी मौत को मात

अनिल तिवारी ने बताया कि जैसे ही बस नहर में डूबने लगी, उन्होंने बस की बंद खिड़की को जोर से हाथ मारा, जिससे खिड़की का कांच टूट गया। उन्हें तैरना आता था। अनिल ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए बगल में बैठे सुरेश गुप्ता को बचाने की कोशिश की और उनका हाथ पकड़कर खिड़की से बाहर खींच लिया। सुरेश गुप्ता 62 वर्ष के हैं, तैरना भी कम जानते थे लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नहर का किनारा पकड़ लिया। करीब 300 मीटर दूर जाकर एक पत्थर मिला, जिसके सहारे दोनों अपनी जान बचा पाए।

जज्बे से बचाई खुद की जान

ज्ञानेश्वर चतुर्वेदी बस में सामने के कांच से आगे की ओर देख रहे थे। जैसे ही बस नहर में गिरने लगी तो उन्होंने खिड़की के कांच में पैर मारा और पानी में कूद गए। गनीमत यह रही कि वे बस के किसी हिस्से में नहीं फंसे। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने ही बस धीरे धीरे डूब गई। वे नहर का किनारा पकड़कर तैरने लगे। तभी एक सीढ़ी मिली, जिसे पकड़कर ऊपर आ गए।

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