नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से कर्मचारियों के लिए बुरी खबर आ रही है। मार्च 2021 के फर्स्ट वीक में श्रीनगर में एक मीटिंग होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में Employees' Provident Fund Organisation की वित्तीय स्थिति के बारे में चर्चा की जाएगी और नवीन ब्याज दरों की घोषणा भी की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बार ब्याज दर कम करने की तैयारी है।
कोरोनावायरस के नाम पर EPFO ब्याज दर कम की जा सकती है
सूत्रों पर आधारित समाचार मिला है कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है। इसके पीछे की वजह कोरोना संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन बताया जा रहा है। अगर ईपीएफओ द्वारा ऐसा किया जाता है करोड़ों लोगों को झटका लगेगा। अभी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 फीसदी मिलता है।
आपको बता दें कि मार्च 2020 में ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी की थी। बीते सात साल में यह सबसे कम ब्याज है। इससे पहले 2012-13 में ब्याज दरें 8.5 फीसदी पर थीं। वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर सब्सक्राइबर्स को 8.65 फीसदी ब्याज मिला था।
ईपीएफओ ने सब्सक्राइबर्स को 2016-17 के लिए पीएफ जमा पर 8.65 फीसदी, 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी और 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी ब्याज दिया था। वहीं, 2013-14 में पीएफ जमा पर 8.75 फीसदी का ब्याज मिलता था, जो वित्त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 फीसदी से ज्यादा था।
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