गाजर का हलवा घी में ही क्यों बनाते हैं, वनस्पति घी या तेल में क्यों नहीं बनाते, science GK in hindi

सर्दियों के मौसम में गाजर का हलवा खाने के साथ में या खाने के बाद में स्वीट डिश के रूप  में भारतीय घरों की पहली पसंद होता है। इसे बनाने में जितनी मेहनत और समय लगता है उतना ही यह खाने में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। गाजर के हलवे को बनाने की रेसिपी बताने के लिए तो बहुत सारे यू ट्यूब चैनल और शेफ मौजूद हैं परंतु आज हम आपको बताएंगे कि गाजर के हलवे में देसी घी क्यों डाला जाता है ? 

तो इसे जानने के लिए हमें सबसे पहले विटामिंस की सैर पर जाना पड़ेगा। विटामिन A, B, C, D, E और K के नाम तो हम सभी जानते हैं परंतु आज हम यहां जानेंगे कि इनमें से कौन से विटामिन विटामिन जल में घुलनशील  (water soluble) हैं और कौन से विटामिन वसा में घुलनशील (Fat soluble) है।

इसे याद रखने की एक छोटी सी ट्रिक है "कीड़ा" चोंकिये मत यह आपके हलवे में नहीं गिरने वाला वाला। आइए जानते हैं यह कौन सा कीड़ा है? 
तो जल में घुलनशील विटामिन है - B और C
जबकि वसा में घुलनशील विटामिन है K, E, D, A
यानी कि कीड़ा तो , हम इस कीड़े की बात कर रहे थे ना कि कोई सचमुच के कीड़े की।

तो जो हमारी प्यारी गाजर होती है, वो विटामिन ए का मुख्य स्रोत है और विटामिन A  वसा में घुलनशील है। यानी कि गाजर के हलवे में जब हम घी डालेंगे तभी गाजर में उपस्थित विटामिन A  उस घी में घुल पाएगा और हमारे शरीर को आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। जो कि हमारी आंखों के लिए आवश्यक विटामिन है। 

आइए अब जानते हैं कि सर्दियों में विटामिन डी हमारी बॉडी में कैसे बनता है

विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है जो हमारी बॉडी में अपने आप बनता है। जिसे हम किसी सप्लीमेंट का यूज करके प्राप्त नहीं कर सकते। जब हम सर्दियों में धूप में बैठते हैं तो हमारी त्वचा के नीचे स्थित वसा की परत (Fat layer) धूप से पिघल जाती है। जिसके कारण हमारे शरीर में विटामिन डी का निर्माण होता है। जो कि हमारी हड्डियों और दातों के लिए आवश्यक विटामिन है।

तो समझे कि गाजर के हलवे में घी डालने की परंपरा के पीछे विज्ञान छुपा हुआ है जो मां के प्यार के साथ परोसा जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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