यह तो हम सभी जानते हैं कि दिन का तापमान अधिक होता है और रात का तापमान कम होता है। दिन के समय में हमें काफी सारे काम होता है तो हमें ठंड महसूस करने का समय ही नहीं मिलता, परंतु रात के समय हम थोड़ी फुर्सत में होते हैं इस कारण हमें ठंड महसूस होती है। अगर आप यह सब सोच रहे हैं तो यह बिल्कुल गलत है या इलॉजिकल है।
क्या आपने कभी महसूस किया है कि हमें किसी भी प्रकार की आवाजें रात की अपेक्षा दिन में अधिक महसूस क्यों होती हैं! जबकि रात में थोड़ी सी भी आवाज हमें चौंका देती है या परेशान कर देती है या हमें डर लगने लगता है। कई बार तो घड़ी के टिक टिक करने पर भी करने पर भी डर लगने लगता है। जबकि वही घड़ी की टिक - टिक दिन में सुनाई ही नहीं देती। तो आपकी घड़ी का ज्यादा समय न लेते हुए हम सीधे पॉइंट पर आते हैं।
दिन के समय उत्सर्जित होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा, रात की अपेक्षा कम होती है। इस कारण हमारे वातावरण में CO2 का सांद्रता (concentration ) रात में बढ़ जाती है। चूँकी CO2 एक ग्रीनहाउस गैस है जो कि पृथ्वी के रात में चारों ओर एक ग्रीन हाउस इफेक्ट बना लेती है। जिसके अंदर ऊष्मा आ तो सकती है परंतु बाहर नहीं जा सकती। जबकि दिन में कार्बन डाइऑक्साइड का कंसंट्रेशन कम होने के कारण सूरज की किरणें इस co2 के आवरण को भेदने में सफल हो जाती हैं। इसी कारण दिन की अपेक्षा रात में ठंड अधिक होती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article