REWA का इंजीनियर प्रखर सिंह BHOPAL में गिरफ्तार, कॉलेज-हॉस्टल में ड्रग्स की सप्लाई का आरोप

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर प्रखर सिंह को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रखर सिंह पर आरोप है कि वह भोपाल के कॉलेज, हॉस्टल और पार्टियों में नशीले पदार्थ ड्रग्स की सप्लाई किया करता था। पुलिस का कहना है कि क्वालिफाइड इंजीनियर होने के कारण उसने क्राइम के लिए नए तरीकों का उपयोग किया और इसलिए वह काफी समय तक पुलिस से बचा रहा।

भोपाल में पहली बार केमिकल ड्रग्स पकड़े गए

बताया जाता है कि यह पहला मौका है जब भोपाल पुलिस ने एलएसडी, एक्सटीसी/एमडीएमए जैसी कैमिकल ड्रग के साथ किसी सप्लायर को पकड़ा हो। पिपलानी पुलिस ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रखर सिंह समेत तीन लड़कों को गिरफ्तार किया है। तीनों प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई का आरोप है। पुलिस का कहना है कि उनके पास से 100 एलएसडी स्टेम्प, 100 एमडीएमए टेबलेट या म्याऊं-म्याऊं और पांच ग्राम एमडी जब्त किया है, जिसकी कीमत करीब दस लाख रुपए आंकी गई है।

ऋत्विक कौशल, प्रखर सिंह और आयुष मनवानी के खिलाफ NDPC ACT के तहत FIR

टीआई सीएस रघुवंशी ने बताया कि इंद्रपुरी से ऋत्विक कौशल को पकड़ा। उससे हुई पूछताछ में प्रखर सिंह और आयुष मनवानी को पकड़ा। उनके कब्जे से प्रतिबंधित ड्रग जब्त की और उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड पर ले लिया है।

इंजीनियर प्रखर सिंह ड्रग की डील के लिए सामने नहीं आता था

डिलीवरी भी बड़े हाईटेक अंदाज में होती थी। डिलीवरी ब्वॉय ड्रग का पैकेट सुनसान स्थान पर रखकर इंजीनियर प्रखर सिंह को इन्क्रिप्टेड मैसेज करता था। इसे देखकर प्रखर को डिलीवरी का स्थान पता चलता और वह वहां पहुंचकर पैकेट उठा लेता था। इसके बाद ड्रग रेव पार्टी, कॉलेज छात्रों तक पहुंचाई जाती थी।

1200 की बिकती थी एक टैबलेट

एसपी साउथ साईं कृष्णा ने बताया कि एक्सटीसी की एक टेबलेट 1000-1200 रुपए तक में बिकती थी। तस्कर एलएसडी के लिए युवाओं से 3500 रुपए तक वसूल लेते थे। भोपाल डीआईजी ने तस्करों को पकड़ने वाली टीम को 20 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है।

साइबर कैफे से डार्कनेट के जरिए व्हाइट ड्रग का आर्डर करता था

मूलत: रीवा का रहने वाला प्रखर सिंह रोहित नगर में रहता है। कुछ महीने पहले ही उसने सायबर कैफे जाकर डार्कनेट (इंटरनेट पर क्रिमिनल्स का अड्डा) के जरिए कैमिकल या व्हाइट ड्रग का ऑर्डर दिया था। इसके लिए वह सिंगल टाइम यूज ई-मेल एड्रेस बनाता था फिर इन्क्रिप्टेड मैसेज भेजकर बड़े सप्लायर्स से संपर्क करता था। रुपए को डॉलर और बिटक्वाइन में बदलकर वह ड्रग की खरीदी करता था। 

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