भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में करीब चयनित 30 हजार शिक्षकों का सब्र टूटता नजर आ रहा है 5 फरवरी शुक्रवार को प्रदेश भर में बड़ा प्रदर्शन होने जा रहा है यह सभी जिलों में एक साथ, एक ही दिन, एक ही समय पर होगा। इस दिन चयनित एवं प्रतीक्षारत अभ्यर्थी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर जल्द से जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करेंगे।
ऐसे अटकी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
शिवराज सरकार ने सितंबर 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों की 30594 पदों पर पात्रता परीक्षा लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद प्रदेश में 2 बार हुए सत्ता के उलटफेर और उपचुनाव के चलते पूरी प्रक्रिया अधर में लटक गई। जैसे तैसे जुलाई 2020 में फिर से दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई। जिसमें अभ्यार्थियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत थी लेकिन अचानक परिवहन सुगम न होने का कारण बताकर सत्यापन प्रक्रिया को रोक दिया गया। जो अब तक रुकी हुई है। इसको लेकर उम्मीदवार कई बार कलेक्टरो,मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं। तथा कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। हैरत की बात है कि शिक्षक भर्ती पुनः कब प्रारंभ होगी इस विषय में जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं जिससे चयनित शिक्षकों की बेचैनी और अधिक बढ़ गई है।
नए सत्र शुरू होने से पहले मिले नियुक्ति
चयनित शिक्षक जनवेद सिंह एवं अन्य का कहना है कि 2 साल से भी अधिक का समय निकल जाने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई जिससे चयनित एवं प्रतीक्षारत शिक्षक और उनका परिवार आर्थिक और मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं और अपना सामाजिक दायित्व ठीक से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार नये सत्र शुरू होने से पहले चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे।
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