MP में गिद्ध गणना शुरू, पढ़िए आपकी जिंदगी के लिए कितनी जरूरी है - IMPORTANT NEWS

Bhopal Samachar
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भोपाल
। लोगों के जीवन में आ रही कठिनाइयों और तमाम तरह की महामारी के पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि जिन मामलों में भारतीय जीवन पद्धति काफी संवेदनशील हुआ करती थी, उन विषयों की आज के भारतीय नागरिकों को नॉलेज तक नहीं है। गिद्धों की गणना एक ऐसा ही काम है। जिसे सरकार गंभीरता से कर रही है परंतु समाज का योगदान लगभग शून्य हो गया है। मध्य प्रदेश में आज दिनांक 2 फरवरी 2021 को गिद्धों की गणना का दूसरा दौर प्रारंभ हुआ। 

मध्य प्रदेश के सभी 16 वृत्त और 8 संरक्षित क्षेत्रों में गिद्ध गणना कार्य वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, WWF, WWI के प्रतिभागियों के अलावा स्वयं-सेवक और फोटोग्राफर द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। गणना के बाद डाटा संकलन का कार्य वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में किया जा रहा है। आम नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वह पता करें कि मध्य प्रदेश में फिलहाल कितने गिद्ध दिखाई दिए।

मध्यप्रदेश में गिद्धों की संख्या कितनी है

मुख्य वन प्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश-व्यापी गिद्धों की गणना की शुरूआत वर्ष 2018 से की गई थी। इसमें 7028 गिद्धों का आंकलन किया गया था। वर्ष 2019 में यह संख्या 8398 पायी गयी। 

गिद्धों की गणना का काम कैसे किया जाता है

गिद्ध गणना का कार्य दो चरणों में किया जाता है। पहला चरण अक्टूबर-नवम्बर माह में और द्वितीय चरण जनवरी-फरवरी माह में आयोजित किया जाता है। अंतिम चरण में वन विभाग के इस वर्ष कर्मियों के साथ-साथ पूरे प्रदेश के विभिन्न स्थानों में पक्षी विशेषज्ञ, छात्र, फोटोग्राफर और स्थानीय नागरिक इस गणना में सक्रिय भूमिका निभायेंगे।

इंसान के जीवन के लिए डॉक्टर और वैज्ञानिक से ज्यादा जरूरी गिद्ध है

प्राणी विज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं कि पृथ्वी पर पारिस्थितिकीय संतुलन में गिद्ध की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूरी पृथ्वी पर केवल गिद्ध ही हैं जो बदबूदार मांस और गंदगी को फटाफट चट कर जाते हैं। यदि बदबूदार माँस को तत्काल नष्ट नहीं किया गया तो उसमें कई तरह के खतरनाक वायरस जन्म लेने लगते हैं। इन वायरस के कारण उस क्षेत्र में महामारी फैल जाती है जहां पर सड़ा हुआ मांस पड़ा हो। सरल शब्दों में कहें तो गिद्ध वो जीव है जो डॉक्टरों से ज्यादा अच्छा काम करता है। डॉक्टर तो महामारी से पीड़ित लोगों का इलाज मात्र करते हैं परंतु गिद्ध महामारी को पनपने से पहले ही रोक देता है। 

गिद्धों की गणना सरकार का काम है आम नागरिक क्या करेगा

यदि आप महामारी से बचना चाहते हैं तो पता कीजिए इस साल मध्यप्रदेश में गिद्धों की संख्या कितनी थी। याद रखिए आम जनता के इंवॉल्वमेंट के कारण ही सरकार गंभीर होती है। यदि आम जनता गिद्धों के महत्व को नहीं समझेगी और सरकार से जानकारी नहीं मांगेगी तो कभी कोई सरफिरा व्यक्ति मंत्री बन गया और उसने गिद्धों की गणना का काम बंद करवा दिया, तो अज्ञानता के कारण जनता उसे रोक नहीं पाएगी और वही होगा जो चीन में हुआ था। एक चिड़िया के खत्म हो जाने के कारण चीन में ढाई लाख लोग मर गए थे। सोशल मीडिया पर किसी नेता का मजाक उड़ाने से ज्यादा बेहतर है अपने दोस्तों को ऐसे विषयों के बारे में बताएं। (पृथ्वी पर मानव जाति के लिए गिद्ध कितने जरूरी है, ठीक से समझने के लिए यहां क्लिक करें)

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